शनिवार, 4 फ़रवरी 2012

आज का प्रश्न-195 question no-195


आज का प्रश्न-195 question no-195

प्रश्न-195 :  6 वीं सदी में किसने गणित ज्योतिष पर पूर्व लिखित पुस्तकों को एक साथ लिपिबद्ध किया और आर्यभट्ट के त्रिकोणमितीय सूत्रों का भंडार बढ़ाया ?
उत्तर : वराहमिहिर जी ने, 
 सुप्रसिद्ध भारतीय खगोलशास्त्री वराहमिहिर जी ने खगोलशास्त्र,  गणित ज्योतिष पर पूर्व लिखित पुस्तकों को एक साथ लिपिबद्ध किया और आर्यभट्ट के त्रिकोणमितीय सूत्रों का भंडार बढ़ाया उनका निरीक्षण इस प्रकार था। विश्व के विविध भागों में विविध ऋतुएं होती हैं । यदि पृथ्वी सपाट होती, तो सभी स्थानोंपर एक ही ऋतु होती। सूर्योदय एवं सूर्यास्त का समय भी सभी स्थानों पर एक समान नहीं होता। उत्तर भारत के भागों में सामान्यत: अधिक ठंड रहती है। समुद्रतट से देखने पर जाने वाली नाव का पाल अंत तक दिखाई देता है  एवं आने वाली नाव का पाल प्रथम दिखाई देता है। उपर्युक्त निरीक्षणसे उन्होंने ‘पृथ्वी का आकार गोल है’ यह निष्कर्ष निकाला । इस निष्कर्ष पर उस समय के धर्मगुरु एवं मगध के राजा ने भी पूर्ण सहयोग दिया था।
आशीष श्रीवास्तव जी का और फेसबुक मित्रों का बहुत बहुत धन्यवाद 
सभी टिप्पणी कर्ताओं का जी धन्यवाद
प्रस्तुति: सी.वी.रमण विज्ञान क्लब यमुनानगर हरियाणा  
 

2 टिप्‍पणियां:

Ashish Shrivastava ने कहा…

वराहमिहिर

lalit vaishnav ने कहा…

शँकराचार्य