विज्ञान पहेलियाँ

विज्ञान पहेली -1 science Quiz-1
नियम :
1.अवधि 15 दिन ,सही जवाब के 15 अंक   |
2.आयोजक सी.वी. रमण विज्ञान क्लब,यमुना नगर  
3.पुरूस्कार एक विज्ञान पुस्तक डाक से व आन लाईन प्रमाण पत्र |
4.सही जवाब देने वाले सभी बंधुओं का नाम विजेता लिस्ट में आएगा|  
5.10 पहेलियों में अधिकतम स्कोर वाले  विजेता को एक विज्ञानं  पुस्तकों का सेट पुरूस्कार |
6.गलत उत्तर देने वालों के नाम बता दिए जायेंगे सुविधा के लिए  पर उन के गलत उत्तर बहार नहीं निकले जायेंगे | 
7.कोई हिंट नहीं दिया जाएगा 
पानी  को साफ़ करने वाले इस वाटर फिल्टर  का नाम बताएं 
उत्तर में वाटर फिल्टर का नाम केवल दो शब्दों में देना है इसका नाम दो शब्दों का ही है वर्णन नहीं करना है | 

 आरम्भ दिनाँक - 1-12-2010
बंद  दिनाँक (९ शाम)- 15-12-2010











प्रस्तुति:- सी.वी.रमन साइंस क्लब यमुना नगर हरियाणा
द्वारा--दर्शन बवेजा ,विज्ञान अध्यापक ,यमुना नगर ,हरियाणा
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विज्ञान पहेली -1 science Quiz-1 का उत्तर 
निरी-झर NEERI-ZAR 
इस् के बारे में विस्तार से यहाँ देखे 
 डा. नूतन निति और बेनामी जी ने ही इस की विधि का नाम लिखा बाकी गलत उत्तर की टिप्पणीयाँ प्रकाशित नहीं की जा रही हैं |
परन्तु  ये उत्तर सही नहीं है इस  फिल्टर का नाम पूछा गया था 
सभी  प्रतिभागियों का धन्यवाद 
विज्ञान पहेली -2 science Quiz-2
भारत  के किसी विश्वविद्यालय में यह एक फिश यानि  मछली का कंकाल रखा है

आपने उस विश्वविद्यालय का नाम बताना है|
मछली का नाम भी बता दे तो क्या बात है ?
आरम्भ दिनाँक - 15-12-2010  

बंद  दिनाँक (९ शाम)- 30-12-2010

प्रस्तुति:- सी.वी.रमन साइंस क्लब यमुना नगर हरियाणा
द्वारा--दर्शन बवेजा ,विज्ञान अध्यापक ,यमुना नगर ,हरियाणा
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विज्ञान पहेली -3 Science Quiz -3 (और पहेली -2 का उत्तर)
अफ़सोस के साथ बताना पड़ रहा है पिछली पहेली की तरह इस पहेली का भी कोई ना दे सका जवाब 
गूगल पर ढूंढना आसान नहीं होता और सब कुछ हो गूगल पर ये जरूरी भी नहीं है 
इस् ब्लॉग के अर्धमासिक पहेली का जवाब देना आसान नहीं होगा यह नहीं सोचा था इसलिए इस् बार थोड़ी सी आसान पहेली दे रहा हूँ, खैर पोस्ट लिखने तक ३६७ विजिट इस् पोस्ट की आंकड़ों में शो हो रही है|
कठिन पहेलियों के लिए जाना जाएगा ये ब्लॉग 
 पहेली -2 का उत्तर 
यह कंकाल आन्ध्रा विश्वविद्यालय (विशाखापट्टनम) के जूलोजी विभाग में लगा है 
और इस का नाम बलीन व्हेल  Baleen Whale है | 1949 में बापतला  तट (Bapatala Coast)  आंध्र प्रदेश राज्य से लिया गया अपनी मौत के समय यह ८० फीट लंबी वयस्क थी |
गूगल पर आप यहाँ खोज सकते थे | और यहाँ भी
डायनासौर के बाद पृथ्‍वी का सबसे बड़ा जीवित जीव और बलीन व्‍हेल समुदाय की सदस्‍य। इनकी अधिकतम लंबाई 30 मीटर और 100-150 टन तक वजन हो सकता है।
* इनका हृदय एक कार जितना बड़ा होता है।
* इनके मुंह में 100 लोग समा सकते हैं।
बलीन व्‍हेल की औसत उम्र 110 साल होती है।
* ये जेट इंजन से भी तेज आवाज पैदा कर सकती हैं और इतनी धीमी आवाज भी कर सकती हैं, जिसे मनुष्‍य सुन नहीं सकता है।
* सामान्‍यत: व्‍हेल उत्‍तरी अटलांटिक, उत्‍तरी प्रशांत और अंटार्कटिका क्षेत्रों में पाई जाती हैं।
और अब 
विज्ञान पहेली -3 Science Quiz -3
चित्र  में दिखाई गयी मशीन(ये उस का मोडल है) का नाम बताईये 
पूरा नाम दो शब्दों का है वो ही बताना है?



आरम्भ दिनाँक - 30-12-2010

बंद  दिनाँक (९ शाम)- 15-01-2011




प्रस्तुति:- सी.वी.रमन साइंस क्लब यमुना नगर हरियाणा
द्वारा--दर्शन बवेजा ,विज्ञान अध्यापक ,यमुना नगर ,हरियाणा
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विज्ञान पहेली -4 Science Quiz -4 (और पहेली -3 का उत्तर)
अफ़सोस के साथ बताना पड़ रहा है पिछली पहेली की तरह इस पहेली का जवाब भी कोई ना दे सका श्री राम बंसल,बंटी द मास्टर स्ट्रोक,आशीष मिश्र जी ने बहुत कोशिश की परन्तु काफी नजदीक पहुँच कर भी टारगेट ना हिट कर सके खैर 
अब मैंने तो बताना ही है इसका ज़वाब 
तो फिर लीजिए 
यह चित्र कपलान  टर्बाइन Kaplan Turbine का नॉन वर्किंग माडल  है साईंस मयुजिय्म्स में यह माडल या प्रतिदर्श जरूर लगा होता है|
यह एक नोदक प्रकार की टर्बाइन होती है जिसका प्रयोग कम ऊँचाई व अधिक जल वाले स्थान पर किया जाता है इसका आविष्कार 1913 में आस्ट्रियन प्रोफेसर विक्टर कपलान ने किया था इस  में एक शाफ्ट रनर लगा होता है जिस पर समयोज़क ब्लेड 2 से 6 और अधिक लगे होते है इन ब्लेडों पर जब पानी अधिक प्रवाह से पड़ता है तब इसकी बनावट के कारण फ्रांसिस टर्बाइन की अपेक्षा इस पर कम घर्षण पैदा होता है| इस  का प्रयोग हाइड्रो पावर जनरेशन में काफी क्रांतिकारी रहा |
A type of turbine, developed around 1913 by the Austrian enginer Viktor Kaplan (1876–1934), that has two or more blades, the pitch of which is adjustable; it resembles a marine propeller. The turbine may have gates to control the angle of the fluid flow into the blades. 

Kaplan turbines are well suited to situations in which there is a low head and a large amount of discharge. The adjustable runner blades enable high efficiency even in the range of partial load, and there is little drop in efficiency due to head variation or load.

As a result of recent developments, the range of Kaplan turbine applications has been greatly increased. They are being applied, for example, in exploiting many hydro sources previously discarded for economic or environmental reasons, and have also been used as wind turbines. The adjustable runner blades add to the complexity of construction of a Kaplan turbine. The runner blade operatin.
यहाँ तीन प्रकार की  Pelton, Francis and Kaplan की कार्य प्रणाली की तुलना जरूर देखें |
ये  है असली की कपलान टर्बाइन
मैंने भी देखी हुई है असली में एक कपलान टर्बाइन :-)
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विज्ञान पहेली -4 Science Quiz -4
अब है विज्ञान पहेली -4 की बारी 
किसी  सज्जन ने टेक्निकल पहेली की मांग की थी तो लो जी इस  बार टेक्निकल पहेली -4 



यहाँ  श्रेणीक्रम (In Series) में दो टंगस्टन फिलामेंट incandescent lamp वाले बल्ब 30 वाट और 60 वाट के लगे है|





220 वोल्ट की घरेलू विधुत धारा प्रवाहित करने पर 30 वाट का बल्ब अधिक चमकता है और  60 वाट का बल्ब कम चमकता है 





अब मैंने दोनों बल्ब्स का स्थान अदल-बदल दिया यानी 30 वाट को 60 वाट के स्थान पर60 वाट को 30 वाट के स्थान पर, और अब भी

220 वोल्ट की घरेलू विधुत धारा प्रवाहित करने पर 30 वाट का बल्ब अधिक चमकता है और  60 वाट का बल्ब कम चमकता है |






 इसका हल मै बता देता हूँ 
दोनों बार में 30 वाट का ही बल्ब अधिक चमकेगा
हल इस चित्र में देखें
30 W के बल्ब का प्रतिरोध अधिक होने के कारण अधिक ऊष्मा उत्सर्जित करेगा और चमकेगा 
Q=I2.R.t

Q/t= I2.R

Q/t =V2/R

यानि प्रति सेकंड ऊष्मा उत्सर्जन
H1=(145)2/1613
    =21025/1613= 13.03 j/s
H2=(73)2/807
    =5329/807= 6.60 j/s
अत् कम शक्ति का बल्ब श्रेणीक्रम में अधिक चमकेगा

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अब  आज का सवाल यह है कि 
यदि इन दोनों  बल्बों की जगह मैं 15 W व 20 W के CFL (compact fluorescent lamp) लगा दूं तो वो किस प्रकार से चमकेंगे(यानी क्या होगा?) कारण सहित उत्तर बताना है ??
 

आरम्भ दिनाँक - 15-01-2011

बंद  दिनाँक (९ शाम)- 30-01-2011




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विज्ञान पहेली -5 Science Quiz -5 (और विज्ञान पहेली -4  का उत्तर)
 अफ़सोस के साथ बताना पड़ रहा है पिछली पहेली की तरह इस पहेली का जवाब भी कोई ना दे सका
अब मैंने तो बताना ही है इसका ज़वाब 
तो फिर लीजिए 
यहाँ भी कम शक्ति का CFL ज्यादा चमकेगा 
कोई नियम बदल थोड़े ही जाएगा 
इस का उत्तर तब मिलता जब इस परिपथ को बना कर देखा जाता खैर 
देखें मैंने तो बनाया था 
15 W का CFL ज्यादा चमका और 20 W के CFL को न्यूनतम वोल्टेज भी ना मिल सकी 




पलट कर देखा |










बल्ब  30 W के साथ जोड़ा बना कर देखा |







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विज्ञान पहेली -5 Science Quiz -5 नीचे दिए गए चित्र में बाल विज्ञानी इस विज्ञान मॉडल के द्वारा क्या बताना चाहता है?

भाग -1 में क्या क्रिया हो रही है |
भाग -2 में क्या क्रिया हो रही है |
भाग -3 में क्या क्रिया हो रही है |
पहेली का जवाब 15-2-2011 , 9 बजे तक दे सकते है |
मोडल में थोड़ा दिमाग खपाने से सब पता चल सकता है
गूगल  पर चित्र अनुपलब्ध,माफ़ी चाहूंगा |
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विज्ञान पहेली -6 Science Quiz -6 (और Science Quiz -5  का उत्तर)
अफ़सोस के साथ बताना पड़ रहा है पिछली पहेली की तरह इस पहेली का जवाब भी कोई ना दे सका
अब मैंने तो बताना ही है इसका ज़वाब 
तो फिर लीजिए 
इस प्रोजेक्ट/माडल का नाम है 
प्लास्टिक और पोलीथीन कचरा निपटान व उससे विद्युत उत्पादन 
भाग -1 में क्या क्रिया हो रही है ?
भाग -1 में प्लास्टिक और पोलीथीन कचरा को उच्च ताप एवं दाब पर जला कर उसे गैस रूप में परिवर्तित किया जा रहा है और उस में पानी मिक्स किया जा रहा है|   
भाग -2 में क्या क्रिया हो रही है?
भाग-2 में इस मिक्सचर को एक चैम्बर में समपिडीत(कम्प्रेस) कर के टर्बाइन चलाई जा रही है जिस से विद्युत  का उत्पादन होगा |  
भाग -3 में क्या क्रिया हो रही है?
भाग-3 में टर्बाइन से निकले गैस मिश्रित वेस्ट द्रव को वोल्टिक सेलों  में ले जा कर पुनः रासायनिक उर्जा के रूप में विद्युत उत्पादन हो रहा है 
यहीं पर बाईप्रोडक्टस के रूप में अन्य बहुत से रसायन मिलते है जिन का व्यवसायिक उपयोग किया जा सकता है और इसी भाग में इस के अंतिम उत्पाद के रूप अम्लीय जल का रिवर्स ओसमोसिस (RO) विधि से उदासीनीकरण करके  पुनः शुद्ध पानी प्राप्त किया जा रहा है|
सभी भाग लेने वाले बंधुओं का हार्दिक धन्यवाद,
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विज्ञान पहेली -6 Science Quiz -6
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इस मशहूर विज्ञान सम्बन्धित कार्टून में उपर बाईं तरफ मिटाए गए शब्द क्या थे ?

पहेली का जवाब 28-2-2011 , 9 बजे तक दे सकते है |
प्रस्तुति:- सी.वी.रमन साइंस क्लब यमुना नगर हरियाणा
द्वारा--दर्शन बवेजा ,विज्ञान अध्यापक ,यमुना नगर ,हरियाणा
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अफ़सोस के साथ बताना पड़ रहा है पिछली पहेली की तरह इस पहेली का जवाब भी कोई ना दे सका
मान्यवर राज भाटिया जी का आधा जवाब सही था उनको बधाईयाँ …….
अब मैंने तो बताना ही है इसका ज़वाब 
तो फिर लीजिए 
मिटाए गए शब्द हैं
Wheel Of Progress
RK Lakshman ji आर. के. लक्ष्मण जी के मशहूर कार्टून में से एक है ये भी 
लक्ष्मण
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विज्ञान पहेली -6 Science Quiz -6
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पहेली का जवाब 15-3-2011 , 9 बजे तक दे सकते है |
आपने इस जीव का नाम बताना है ? जिस का यह कंकाल है|
कंकाल_फोटो_संग्रह
कंकाल को पहचानने का एक खास तरीका होता है जो जानता है वो किसी भी ज्ञात जीव का कंकाल पहचान सकता है |
प्रस्तुति:- सी.वी.रमन साइंस क्लब यमुना नगर हरियाणा
द्वारा--दर्शन बवेजा ,विज्ञान अध्यापक ,यमुना नगर ,हरियाणा
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विज्ञान पहेली-8 Science Quiz-8(और Science Quiz-7का उत्तर)
अफ़सोस के साथ बताना पड़ रहा है पिछली पहेली की तरह इस पहेली का जवाब भी कोई ना दे सका
मान्यवर आशीष मिश्रा जी का प्रयास सराहनीय था उनको बधाईयाँ …….
अब मैंने तो बताना ही है इसका ज़वाब 
तो फिर लीजिए, 
इस कंकाल का चित्र मेरे कंकाल चित्र  संग्रह से लिया गया था,विभिन्न विश्वविद्यालयों और संग्रहालयों से लिए गए चित्रों से मेरे पास अच्छा ख़ासा संग्रह है जिस ने मुझे कंकाल के अध्ययन के लिए प्रेरित किया |
बिल्ली प्रजाति के जीवों के कंकालो  में दांत,लम्बाई,ऊँचाई का ही अंतर होता है खैर
यह कंकाल भारत में बहुतायत में पाए जाने वाले जीव  तेन्दूआ Panther का  है
पहेली  में भाग लेने वाले सभी सुधीजनो का बहुत बहुत धन्यवाद .......
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 विज्ञान पहेली -8 Science Quiz -8
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पहेली का जवाब 30-3-2011 , 9 बजे तक दे सकते है |
यह कहाँ का और किसका चित्र है?
प्रस्तुति:- सी.वी.रमन साइंस क्लब यमुना नगर हरियाणा
द्वारा--दर्शन बवेजा,विज्ञान अध्यापक,यमुना नगर,हरियाणा
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विज्ञान पहेली-9 Science Quiz-9(और Science Quiz-8 का उत्तर)
बड़ी खुशी से सूचित किया जाता है की इस ब्लॉग पर पहेलियों के प्रथम विजेता बने हैं
श्री आशीष मिश्रा  जी उनको बधाईयाँ …….
उपर  में है मिश्रा जी के लिए प्रमाणपत्र  ..
यह  चित्र  राजस्थान एटोमिक पावर स्टेशन का है यह PFBR (प्रोटोटाइप फास्ट ब्रीडर रिएक्टर) है | 
आप अपना होम एड्रेस उपलब्ध करवाएं ताकि आप को पुरूस्कार  स्वरूप किताब भेजी जा सके |
पहेली  में भाग लेने वाले सभी सुधीजनो का बहुत बहुत धन्यवाद .......
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 विज्ञान पहेली -9 Science Quiz -9
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अब  से यहाँ पहेली 10 दिनों के अंतराल पर शुरू की जा रही है बाकी नियम वही हैं |
                                      यह  क्या है ?

हिंट : इससे एक बहुमूल्य/महँगी  वस्तु प्राप्त होती है |
 पहेली का जवाब 10-4-2011 , 9 बजे तक दे सकते है |
प्रस्तुति:- सी.वी.रमन साइंस क्लब यमुना नगर हरियाणा
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विज्ञान पहेली-10 Science Quiz-10(और Science Quiz-9 का उत्तर)
दूसरी बार लागतार विजेता बधाईयां 
बड़ी खुशी से सूचित किया जाता है की इस पहेली-9 के विजेता बने हैं
श्री आशीष मिश्रा  जी उनको बधाईयाँ …….
बायें  में है मिश्रा जी के लिए प्रमाणपत्र  ..
यह  चित्र  हीरा धारित चट्टान किम्बरलाईट  Kimberlite का है जिस में से हीरा (Diamond) प्राप्त होता है|




गर्व की बात है देश के कुल वार्षिक खनिज उत्पादन में सोलह प्रतिशत योगदान छत्तीसगढ़ का होता है।   छत्तीसगढ़ में  बहुमूल्य लौह अयस्क, बॉक्साइट, डोलोमाईट, कोयला, टिन अयस्क, हीरा चट्टान किम्बरलाईट, लाईम स्टोन और गुलाबी क्वार्टज खनिज पाया जाता है  यहाँ हीरों के कई और किम्बरलाईट पाईप मिले है ।
बक्सवाहा (छतरपुर) मध्य प्रदेश बुन्देलखण्ड क्षेत्र में एक क्षेत्रीय अन्वेषण कार्यक्रम के अंतर्गत बन्दर परियोजना के 'ऑर्डर ऑफ मैग्नीट्यूड स्टडी' ने मार्च 2009 में 0.7 कैरेट प्रति टन के ग्रेड पर 37 मिलियन टन 'सांकेतिक संसाधन' (इन्फर्ड रिसोर्स) इंगित किया है।
इस खोज के परिणाम स्वरूप  पन्ना हीरा खान से सात गुना अधिक मूल्यवान हीरा संसाधन की खोज हुई  है जिसकी संभावित उत्पादकता पन्ना से 20 गुना अधिक होगी। इस प्रकार से मध्य प्रदेश परिणाम एवं गुणवत्ता के आधार पर विश्व के 10 शीर्ष हीरा उत्पादक क्षेत्रों में शामिल हो जायेगा। 
पहेली  में भाग लेने वाले सभी सुधीजनो का बहुत बहुत धन्यवाद .......
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 विज्ञान पहेली -10 Science Quiz -10
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जनता की भारी मांग पर अब से यहाँ पहेली साप्ताहिक की जा रही है बाकी नियम वही हैं |
यह  किस मशहूर व्यक्ति का चित्र है?
हिंट :-
-उत्तर भारत 
-पंजाबीभाषी
  

पहेली का जवाब 17-4-2011 , 9 बजे तक दे सकते है | 




प्रस्तुति:- सी.वी.रमन साइंस क्लब यमुना नगर हरियाणा
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विज्ञान पहेली-11 Science Quiz-11(और Science Quiz-10 का उत्तर)
बड़ी खुशी से सूचित किया जाता है की इस पहेली-10 के विजेता बने हैं
श्री रविन्द्र जी  उनको बधाईयाँ …….
यह  चित्र  श्री नेक चंद सैनी जी  का है ये शिल्पकार,शिल्प वैज्ञानिक,कल्पना को मूर्त रूप देने वाले विश्वकर्मा,पद्म श्री जी का है |
मै गत वर्ष चंडीगढ़ में इनसे इनकी कृति रॉक गार्डन में इन से मिला था यह चित्र तब ही लिया था मैंने इन से मिल कर बहुत अच्छा लगा |
आज चंडीगढ़ इन पर और रॉक गार्डन पर गर्व करता है 
और  अधिक जानकारी के लिए अल्पना वर्मा जी के इस पोस्ट लिंक को चटकाईये |
पहेली  में भाग लेने वाले सभी सुधीजनो का बहुत बहुत धन्यवाद .......
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 विज्ञान पहेली -11 ........ Science Quiz -11
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यह चित्र क्या प्रकट करता है ?
यह चित्र क्या प्रकट करता है ?
हिंट  : इस बार आसान है पहेली आज कल के हालात देखते हुए कुछ आवश्यकता है उसी का नाम यह चित्र बोल रहा है तो बताओ जल्दी से |
नोट : इस बार पहेली पर १०-१२ के करीब अलग अलग और एक दो कामन आई.डी. से काफी अभद्रता हुयी है और बाकी सब पहेलियों की तरह इसे भी बंद करवाने की मांग  भी है |
मै एक बात कह दूं यह बच्चों का और बच्चों के लिए ब्लॉग है और कल्ब का चिठ्ठा है कोई आर्थिक लाभ तो है नहीं, कोई बच्चा सर्च के दौरान भुला भटका इस ब्लॉग पर आकर लाभ ले लेता है तो भाई बेनामी,गुप्तनामी और गुमनामी भाई रहम करो |  
पहेली का जवाब 24-4-2011 , 9 बजे तक दे सकते है |
प्रस्तुति:- सी.वी.रमन साइंस क्लब यमुना नगर हरियाणा
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विज्ञान पहेली-12 Science Quiz-12(और Science Quiz-11 का उत्तर)
बड़ी खुशी से सूचित किया जाता है की इस पहेली-11 के विजेता बने हैं,
श्री संजय शर्मा जी  उनको बधाईयाँ …….sanj- eco
पहेली_११_विज्ञान_दर्शनयह  चित्र आपदा प्रबंधन को प्रकट करता है आपने शायद इसी ब्लॉग पर एक पुरानी पोस्ट पढ़ रखी होगी आपदा प्रबंधन सीखे वहीँ से यह चित्र लिया गया था |
श्री आशीष मिश्र जी ने आपदा नियंत्रण उत्तर दिया था वो सही नहीं है  क्यूंकि आपदा प्रबंधन और आपदा नियंत्रण में फर्क है लेकिन फिर भी आशीष जी को भी बहुत बहुत बधाईयां.   
आओ जाने क्या है? आपदा और आपदा प्रबंधन.
आपदा प्रबंधन सीखना समय की मांग Disaster Management
जापान की आपदा ने एक बार फिर बता दिया है कि प्रकृति की मार सब से भयंकर होती है ऐसे में जरूरी हो जाता है कि हम आपदा आने पर किस प्रकार हम बच सके और दूसरों की भी जान बचा सके. आपदा प्रबंधन  के द्वारा हम यह सब  जान सकते है.
आपदा को अंग्रेज़ी में Disaster कहा जाता है Hazard,Risk दो अन्य अंग्रेज़ी के समानार्थी शब्द है और हिंदी में भी इस को कईं शब्दों जैसे प्रलय,विपदा,प्रकोप,विपत्ति,खतरा शब्दों से जाना जाता है परन्तु आपदा के लिए सर्वथा Disaster ही उपयुक्त शब्द है.
आपदा एक असामान्य घटना है जो थोड़े ही समय के लिए आती है और अपने विनाश के चिन्ह लंबे समय के लिए छोड़ जाती है.
प्राकृतिक आपदा को परिभाषित करते हुए कहा जा सकता है कि एक ऐसी प्राकृतिक घटना जिस में एक हज़ार से लेकर दस लाख लोग तक प्रभावित हों और उनका जीवन खतरे में हो तो वो प्राकृतिक आपदा कहलाती है. 
बेशक प्राक्रतिक आपदाएं मनुष्य व अन्य जीवों को बहुत प्रभावित करती है प्राकृतिक आपदा को कई रूपों में जाना जाता है.
httpen.wikipedia.orgwikiFileHurricane_Katrina_August_28_2005_NASA.jpg httpen.wikipedia.orgwikiTyphoon httphi.wikipedia.orgwiki%E0%A4%9A%E0%A4%BF%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B0Gigante.jpg httpen.wikipedia.orgwikiAvalanche
    उपर के चित्र है: १.हरिकेन २.टायफून ३.सुनामी ४.हिमघाव
हरिकेन,सुनामी,सुखा,बाड़,टायफून,बवंडर,चक्रवात सब मौसम से सम्बन्धित प्राकृतिक आपदा हैं.
भूस्खलन और अवधाव या हिमघाव (बर्फ की सरकती हुई चट्टान) ऐसी प्राकृतिक आपदा हैं जिस में स्थलाकृति बदल जाती है.
भूकम्प और ज़्वालामुखी(ज़्वालामुखी के कारण अग्निकांड,दावानल)  टेक्टोनिक प्लेट (प्लेट विवर्तनिकी) के कारण आते हैं.
टिड्डीदल का हमला,कीटो का प्रकोप  को भी प्राकृतिक आपदा माना गया है.
जवालामुखी,भूकम्प,सुनामी,बाड़,दावानल,टायफून,बवंडर,चक्रवात,भूस्खलन ये सब तीव्रगामी आपदाएँ हैं जबकि सूखा,कीटो का प्रकोप,अग्निकांड मंदगामी आपदाएँ है.
मानवीकृत (Man Made) आपदाएँ वो हैं जो मानवीय क्रियाकलाप के कारण होते हैं,जैसे अग्निकांड,बाड़े,भूस्खलन,सूखा.
यहाँ पर यह बता देना अति आवश्यक हो जाता है कि मानवीय दखल से एक नए प्रकार की आपदा से मनुष्य को दो चार होना पड रहा है और वो है,पर्यावरणीय आपदा वैश्विक ऊष्मन Global Warming.
ओद्योगिक क्रियाकलाप जनसंख्या वृद्धि और प्रकृति के साथ खिलवाड़ ने पर्यावरणीय आपदा को जन्म दिया है.
आपदाएँ तो प्राचीन काल से ही आती रही होंगी परन्तु आज के प्रगतिशील मानव ने उनको समझने में जो तेजी ला दी है इससे जन्म हुआ आपदा प्रबंधन का और मनुष्य ने इसके अंतर्गत इन परिस्तिथियों ने जानमाल के कम से कम नुकसान के लिए बहुत से प्रयास किये हैं.  
कुछ अति विनाशकारी  प्राकृतिक आपदाएं ऐसी थी जिन का जिक्र यहाँ करना जरूरी है जिस के बाद इस अवधारणा ने जन्म लिया की आपदा प्रबंधन क्यूँ जरूरी है.
१९९५ की सुनामी,भारत इरान और तुर्की के भयंकर भूकंप,न्यू इंग्लैण्ड व क्युबेक के बर्फीले तूफ़ान,नेब्रास्का में ओलो का कहर,एरिजोना और कलिफोर्निया के दावानल,जापान के भूकम्प आदि त्रासदियाँ आपदा प्रबंधन सिखाने के लिए काफी है.
आपदा प्रबंधन के अंतर्गत ही सबसे बड़ा कदम जो उठाया गया कि ऐसी तकनीके विकसित करने पर जोर दिया गया कि आपदा की किसी तरह भविष्यवाणी की जा सके.
इस उद्देश्य में अंतरिक्ष विज्ञान से बहुत कामयाबी मिली,उपग्रहों की मदद से हरिकेन,टायफून,बवंडर,चक्रवात की सटीक भविष्यवाणी कर के कई बार लाखों लोगो की जानमाल की हानि को बचाया जा सका है. अब तकनीकों की मदद से यह प्रयास जारी हैं कि किसी तरह भूकंप व सुनामी की भी भविष्यवाणी की जा सके,इसके लिए पालतू व अन्य जन्तुओं के व्यवहार परिवर्तन को भी वैज्ञानिक गौर कर रहे हैं.
भूकम्प जैसी आपदा के समय LPG रिसाव आग जैसी दुर्घटना को जन्म देता है,विधुत सप्लाई कट जाती है,जलापूर्ति बंद हो जाती है,जलापूर्ति की घरेलू कनेक्शन पाईप टूट जाने से टैंक का पानी बह जाता है,खाद्य पदार्थ नष्ट हो जाते हैं,लोग मलबे में दब जाते हैं,सड़के मलबे से अट जाती हैं,सहयता देर से पहुँचती है,दोबारा भूकम्प का भय मन में बना रहता है,पीने के साफ़ स्वच्छ पानी का आभाव,कुछ लोग मलबे में से माल तलाश में लूटपाट को बढ़ावा देते है,मृतको की बदबू और महामारी फ़ैल जाती है,सुरक्षित आश्रय नहीं बचता,लोग सहयता सामग्री लूट सकते हैं,जमाखोरी बढ़ जाती है.
ऐसी स्थतियों से निपटने के लिए ही आपदा प्रबंधन सीखना अति आवश्यक है यह तो बकायदा अनिवार्य पाठ्यक्रम होना चाहिए और प्रत्येक नागरिक के लिए इसका प्रशिक्षण अनिवार्य होना चाहिए|   
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विज्ञान पहेली -12 ........ Science Quiz -12
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quiz-12-1 quiz-12  
चित्र में दिखाई गयी वनस्पति क्या है इसका नाम बताएं ???
हेली का जवाब 1-5-2011 , 9 बजे तक दे सकते है |
प्रस्तुति:- सी.वी.रमन साइंस क्लब यमुना नगर हरियाणा
द्वारा--दर्शन बवेजा,विज्ञान अध्यापक,यमुना नगर,हरियाणा
विज्ञानं संचार में अपना योगदान दें इस ब्लॉग के फालोअर बन कर    

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विज्ञान पहेली-13 Science Quiz-13 (और Science Quiz-12 का उत्तर)
बड़ी खुशी से सूचित किया जाता है की इस  पहेली -१२ के विजेता बने हैं,

Indranil Bhattacharjee ........"सैल"

उनको बधाईयाँ …….
दूसरे  स्थान पर रहे श्री राज भाटिया तीसरे स्थान पर रहे श्री संजय शर्मा चौथे स्थान पर रहे/रही श्री देवी जी 
आप सब को भी बधाईयां 
यह  चित्र ट्री फंगस का है इस को फलकाय Fruit body  कहते है  खासकर इस तरह के फफूंद को "SHELF FUNGUS" कहा जाता है ..

 यह  रहा आपके लिए कल्ब की तरफ से विजेता होने का प्रमाण पत्र ....
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विज्ञान पहेली -13 ........ Science Quiz -13
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बाईं  तरफ दिया गया चित्र किस योगिक के अणु  को प्रकट करता है |

हिंट  :-
1. इस योगिक ने भारत में एक बहुत बड़ी क्रान्ति को कामयाब बनाने में मदद की |
2.  जर्मनी में इस को एक डाक टिकेट पर भी छापा गया है |

हेली का जवाब 8-5-2011 , 9 बजे तक दे सकते है |
प्रस्तुति :- सी.वी.रमन साइंस क्लब यमुना नगर हरियाणा
द्वारा :-दर्शन बवेजा,विज्ञान अध्यापक,यमुना नगर,हरियाणा
विज्ञानं संचार में अपना योगदान दें इस ब्लॉग के फालोअर बन कर    
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विज्ञान पहेली-14 Science Quiz-14 (और Science Quiz-13 का उत्तर)
बड़ी खुशी से सूचित किया जाता है की इस  पहेली -१३  के विजेता बने हैं,

Indranil Bhattacharjee ........"सैल"

आपको  बहुत बहुत बधाईयाँ …….
दूसरे  स्थान पर रहे श्री रजनीश कुमार तीसरे स्थान पर रहे श्री आशीष मिश्रा  
श्री राज भाटिया जी का भी धन्यवाद ...
आप सब को भी बधाईयां ...........
यह अणु यूरिया का है यूरिया के कृत्रिम निर्माण से पहले पूरी दुनिया में बर्जेलियस का सिद्धान्त माना जाता था कि कि यूरिया जैसे कार्बनिक यौगिक सजीवों के शरीर के बाहर बन ही नहीं सकते तथा इनको बनाने के लिए प्राण शक्ति की आवश्यकता होती है।यूरिया को सर्वप्रथम १७७३ में मूत्र में फ्रेंच वैज्ञानिक हिलेरी राउले ने मूत्र  में खोजा था परन्तु कृत्रिम विधि से सबसे पहले यूरिया बनाने का श्रेय जर्मन वैज्ञानिक  फ्रिएद्रीच वोहलर को जाता है।इन्होंने सिल्वर आइसोसाइनेट से यूरिया का निर्माण किया तथा स्वीडेन के वैज्ञानिक बर्जेलियस के एक पत्र लिखा कि मैंने बिना वृक्क (किडनी) की सहायता लिए कृत्रिम विधि से यूरिया बना लिया है। 
आज  यह माना जाता है कि क्रेग वेंटर John Craig Venter पहला वैज्ञानिक है जो ईश्वरीय शक्ति से खेला  Play with God और उस ने प्रयोगशाला में पहली कोशिका कृत्रिम रूप से बनाई इस से कईं साल पहले Play with God का कारनामा वैज्ञानिक  फ्रिएद्रीच वोहलर Friedrich Wöhler (31 July 1800 - 23 September 1882)  कर चुके थे |
यह  लेख पढ़ कर आप जान सकते हैं कि कौन है पहला वैज्ञानिक जो है इस खिताब का असली हकदार 
यूरिया का उपयोग मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ाने में होता है।  आज़ाद भारत में अब कृषि मे आत्मनिर्भरता बहुत बड़ी चुनोती थी इसके लिए भूमि का अधिक प्रयोग,सिंचाई के साधन,और उचित उर्वरकों की आवश्यकता थी इस लक्ष्य को पाने के लिए हरित क्रांति की मुहीम चलाई गयी तब देश के नेता लोग भी कुछ देश के बारे में सोचा करते थे और सेवक भी हुआ करते थे 
यूरिया ने देश की हरित क्रान्ति को कामयाब बनाने में बहुत योगदान दिया आज हम यह तो कह देते हैं कि रासायनिक खादे खतरनाक हैं परन्तु आज़ाद भारत के लोगो का पेट भरने के लिए आधुनिक कृषि को अपनाया जाना  जरूरी था |  
आज़ादी के समय मोटा आनाज ज्यादा उगाया जाता था क्यूंकि इस के लिए अधिक सिंचाई और ज्यादा कृषि क्रियाएँ आवश्यक नहीं थी मानसून का जुआ खेल कर किसान इसे उगा देता था गेहूं को अधिक नज़ाकतों की आवश्यकता थी आम जन मोटा अनाज खाता था और किसी खास मेहमान के आने पर बनती थी गेहूं कनक की रोटियां | जैसा कि इस पुराने पंजाबी गीत में स्पष्ट है कि कनक के मन्न यानी गेहूं की  रोटी की क्या खास बात थी |  
नहरों ,ट्यूबवेल,नया बीज,सघन खेती  यूरिया और किसानों की कमरतोड मेहनत ने गेहूं को सुलभ बना दिया | 

खैर अब है बारी विज्ञान पहेली -14 की
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विज्ञान पहेली -14 ........ Science Quiz -14
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यह क्या  है ? What is this ? 
हिंट  : कितना आवश्यक था यह काम  परन्तु अब  यह बंद हो गया   .....
हेली का जवाब 15-5-2011, 8 बजे तक दे सकते है |
हेली का परिणाम 15-5-2011, 9 बजे |
प्रस्तुति :- सी.वी.रमन साइंस क्लब यमुना नगर हरियाणा
द्वारा :-दर्शन बवेजा,विज्ञान अध्यापक,यमुना नगर,हरियाणा
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विज्ञान पहेली-15 Science Quiz-15 (और Science Quiz-14  का उत्तर)
मेंढक का विच्छेदन Dissection of Frog
इस पहेली का जवाब है मेंढक का विच्छेदन Dissection of Frog 
इस  पहेली का जवाब

Indranil Bhattacharjee ........"सैल"

जी ने देकर  फिर से लगातार तीसरी बार इस कल्ब की पहेली को जीता है इनको बहुत बहुत बधाईयाँ और दूसरे स्थान  पर रहे हैं श्री  श्री आशीष मिश्रा  जी (इनकी सही जवाब की टिप्पणी अचानक कही गायब हो गयी )
इस बार पहेली कुछ अस्पष्ट सी थी परन्तु फिर भी आप सब का बहुत बहुत धन्यवाद जी   
इस पहेली के जवाब को एक सत्य घटना से बताया जाएगा सन् 1983 की बात है एक 12-13 वर्ष का बच्चा मकान की तीसरी मंजिल से पड़ोस के मकान मे देखता है कि एक लड़का अपने घर के आंगन मे मेज़ पर कुछ कर रहा है गोरा रंग अधिक होने के कारण उस लड़के को देसी अंग्रेज की छेड़ से बुलाया जाता था, कोतुहलवश वो बच्चा नीचे उतर कर देसी अंग्रेज के घर की तरफ भागता है और रास्ते मे जो भी मिला उस को भी साथ लेता  गया कहता हुआ 'पता नहीं देसी अंग्रेज क्या कर रहा है|'
देसी अंग्रेज के घर पहुँच कर सब बच्चे यह देखते है कि वो किसी जीव को काट रहा है पहचान  कर एक दम  जीव के मेंढक होने कि घोषणा कर दी जाती है और सब ध्यान से देखने लगते है| यह क्या  है? यह क्या  कर रहे है? देसी अंग्रेज ने बताया कि मेरे जीव विज्ञान के प्रैक्टिकल मे मेंढक को काट कर उस के भीतरी अगों को देखने समझने का होता है फिर वो उस के अंगों के नाम निडिल लगा लगा कर बताने लगा जैसे यह ह्रदय,फेफड़े,अमाशय,छोटी आंत,बड़ी आंत,यकृत,धमनी,शिरा आदि अंग/अंगक  दिखाए |
उस बच्चे ने तभी ये सोचा कि वह भी यही पढ़ाई करेगा जिस मे मेंढक का विच्छेदन Dissection of Frog किया जाता है और उस ने किया 
मेरे बहुत से दोस्त कोमर्स और आर्ट्स की कक्षाओं से बायो लैब मे मेंढक का विच्छेदन देखने आते थे और मन मे कहीं दबी आवाज़ सुनाई देती थी हमने क्यूँ विज्ञान संकाय नहीं लिया. 
मैंने अपने विद्यार्थी जीवन मे  मेंढक,तिलचट्टा,खरगोश,अर्थवोर्म,फिश  का विच्छेदन किया और बहुत सीखा 
मेंढक,खरगोश,फिश सप्लायर अपने फ़ार्म से हमारे कोलिज को सप्लाई करता था तिलचट्टा,अर्थवोर्म हमने खुद पकडे थे |
परन्तु आज पशु प्रेम के चलते मेंढक का विच्छेदन Dissection of Frog स्लेबस से हटा दिया गया है स्कूलों की लैब्स मे मेंढक की सप्लाई करने वाले एजेंट अपने मेंढक फ़ार्म चलाते थे वो कोई खेतों और तालाबों से मेंढक थोड़े पकड़ कर लाते थे ये सम्भव ही नहीं हो सकता,इन पशु प्रेमियों को अपनी राजनीति का  धंधा चमकाने के लिए कोई और मुद्दा ना मिला तो इस महत्वपूर्ण प्रयोग को हटवा दिया | स्कूलों से ज्यादा मेंढक तो होटलों और रेस्त्रोरेंटों मे पलेटों मे परोसे जा रहे है |
मेरी शिक्षाविदों से यह सलाह है कि कक्षा नवम से बायोलोजी के पाठ्यक्रम मे कम से कम मेंढक,काक्रोच,केंचुवो,टिड्डी का विच्छेदन जरूर होना चाहिए | 
कुछ तो हम वैसे ही बेकार से स्लेबस को पढ़ रहें हैं कुछ ये नास मारने पर उतारूं है बाकी देश के शिक्षाविद कोई मुर्ख हैं जो वहां मेंढक का विच्छेदन अनिवार्य है |

छात्र नहीं करेंगे चीरफाड़ जीव विज्ञान की पढ़ाई के दौरान अब मेंढ़क और दूसरे जानवरों की चीरफाड़ पर रोक लगेगी। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की ओर से गठित विशेषज्ञों की एक कमेटी ने इस संदर्भ में अंतिम फैसला ले लिया है। इसकी आधिकारिक घोषणा आज होगी। जीव विज्ञान के विभिन्न विषयों की उच्च शिक्षा में प्रायोगिक अध्ययन के लिए विभिन्न जंतुओं की चीरफाड़ की जाती है। इस चीरफाड़ के विकल्प तलाशने के लिए बनाई गई कमेटी (एक्सपर्ट कमेटी टू कंसिडर डिसकंटीन्यूएशन ऑफ डिसेक्शन ऑफ एनिमल्स इन जूलॉजी, लाइफ साइंसेज) कोर मैम्बर्स और एक्सपर्ट के दो समूहों में बंटी थी। कमेटी की इस सप्ताह शुरू हुई कॉन्फ्रेंस के दौरान शनिवार को यह फैसला लिया गया कि स्नातक स्तर पर जंतुओं के विच्छेदन पर पूर्ण रोक लगेगी। लैब में केवल फैकल्टी ही आसानी से उपलब्ध किसी प्रजाति के जंतु का विच्छेदन कर छात्रों को दिखा सकेंगे, वहीं स्नातकोत्तर स्तर पर भी जो छात्र विच्छेदन नहीं करना चाहें उन्हें इसके स्थान पर जैव विविधता (बायोडायवर्सिटी) से जुड़े प्रोजेक्ट करने का विकल्प दिया गया है, मगर इस स्तर पर केवल चूहों के विच्छेदन की ही अनुमति दी गई है। उच्च शिक्षण संस्थानों को वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट 1972 और प्रिवेंशन ऑफ क्रुअलिटी टू एनिमल एक्ट 1960 का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। बायोलॉजी और जूलॉजी पढ़ाने वाले संस्थानों में विच्छेदन पर निगरानी के लिए कमेटी भी बनाई जाएगी। विच्छेदन के विकल्पों की कमेटी की मीटिंग में सिफारिश की गई है। राजस्थान यूनिवर्सिटी में इसके विकल्पों को लागू कराने के प्रयास किए जाएंगे। - डॉ. रीना माथुर, सदस्य, एक्सपर्ट कमेटी नए सिलेबस में 25 से घटाकर 5 अंक किए एमडीएस यूनि., अजमेर में एकेडमिक काउंसिल में एक प्रस्ताव पास कर जंतु विच्छेदन को कम करने का पहला प्रयास किया है। यूनिवर्सिटी के जूलॉजी डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ. के.के. शर्मा ने एक नया सिलेबस तैयार कर जंतु विच्छेदन के टॉपिक के 25 से घटाकर 5 अंक कर दिए हैं।जीव विज्ञान की पढ़ाई के दौरान जंतुओं के प्रति क्रूरता को रोकने के लिए कोर कमेटी गठित की थी, जिसने अंतत: स्नातक स्तर पर जंतु विच्छेदन पर रोक लगाने का फैसला लिया है। - डॉ. बी. के शर्मा, सदस्य, कोर कमेटी(दैनिक भास्कर)

पारदर्शी मेंढक रोकेंगे जीवित मेंढकों की चीरफाड़

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आप छात्र हैं और डॉक्टर बनना चाहते हैं। लेकिन प्रयोगों के दौरान मेंढक काटना पड़ेगा इसके चलते कई बायोलॉजी छोड़ देते हैं। या फिर आप पशु प्रेमी हैं मेढकों की चीड़फाड़ आपको पसंद नहीं तो वैज्ञानिकों ने इसका निदान ढूंढ लिया है।
अब जिंदा मेढकों को काटने के लिए मोम की प्लेट पर सुइयों से बींधने की जरूरत नहीं पडे़गी, क्योंकि प्रयोगों में इस्तेमाल के लिए खास तौर पर  विकसित पारदर्शी मेढक अगले छह महीनों में प्रयोगशालाओं तक पहुंच रहे हैं।
करीब दो साल पहले प्रयोगशाला में तैयार पारदर्शी मेढकों के बाद अब जापान के ही वैज्ञानिकों ने पारदर्शी मछलियां भी तैयार करने में सफलता हासिल कर ली है और उन्हें आशा है कि अगले छह महीनों में प्रयोगशालाओं और स्कूलों के लिए इनकी बिक्री शुरू हो जाएगी। मेंढकों की ही तरह पारदर्शी गोल्डफिश का भी धड़कता दिल बाहर से ही नजर आता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि अब काफी हद तक परीक्षणों के लिए उन्हें मारने की जरूरत नहीं पडे़गी। प्रयोगों के दौरान स्कूलों में ही बच्चों को मेंढक काटना पडता है जिसके चलते कई छात्र जीव विज्ञान विषय ही छोड़ देते हैं। यही नहीं पशु प्रेमी भी वर्षों से मेढकों के काटे जाने पर उंगलियां उठाते रहे हैं।
जापान की माय यूनीवर्सिटी के जीव विज्ञान के एसोसिएट प्रोफेसर यूताका तमारू का कहना है कि पिगमेंट के न होने के कारण इस गोल्डफिश की त्वचा एकदम पारदर्शी है जिससे इसका न केवल धड़कता दिल धक-धक करता बाहर से ही साफ दिखाई देता है, बल्कि आंख के ऊपर दिमाग तथा अन्य अंग भी काम करते हुए देखे जा सकते हैं।
यूताका ने कहा कि अब वैज्ञानिकों को इनके अंगों पर परीक्षण करने के लिए उसका शरीर काटकर देखने की जरूरत नहीं होगी, क्योंकि अधिकांश परिस्थतियों में अब उनके अंगों पर पड़ने वाले असर को बाहर से ही काम करते या उन पर परीक्षण के असर को बिना काटे ही देखा जा सकेगा। माय यूनिवर्सिटी तथा नगोया यूनिवर्सिटों के संयुक्त प्रयासों से तैयार ये 'राइकिन' नाम की यह गोल्डफिश करीब बीस साल तक जिन्दा रहेगी तथा इसकी लंबाई भी करीब दस इंच और वजन दो किलो तक बढा़या जा सकेगा।
हिरोशिमा यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक प्रोफेसर मासायूकी सुमीदा का कहना है कि अब इन पारदर्शी मेढकों का बडे़ पैमाने में उत्पादन शुरू कर दिया गया है और संभवतः इसी साल ये पारदर्शी मेंढ़क प्रयोग के लिए उपलब्ध हो सकेंगे। उन्होंने बताया कि अगले छह माह के भीतर ये मेंढक प्रयोगशालाओं तथा स्कूलों तक पहुंच जाएंगे। दस हजार येन यानी लगभग सवा पांच हजार रुपये के इस एक मेंढक को देश विदेश के लोग घरों में पालने के लिए भी खरीद सकेंगे। साभार www.livehindustan.com
प्रमाणपत्र 
उपर की दोनों खबरों से यह सिद्ध होता है कि यह प्रक्रिया जरूरी तो ही इस के लिए सवा  पांच हज़ार का मेंढक जिस संस्थान मे खरीद कर बच्चों को दिखाया जाएगा वहां कोई गरीब का बच्चा तो पढ़ नहीं सकता और यह सवा पांच हज़ार का मेंढक कितने वर्ष ज़िंदा रहेगा इतने पैसों मे 100 मेंढक आ सकते हैं और मेंढक पालको को रोज़गार भी मिलेगा अलग से क्यों जी ?

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विज्ञान पहेली -15 ........ Science Quiz -15
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यह  क्या है ? What is this ?
हिंट :- ३५ सालों तक लगातार प्रति वर्ष ६० एक की कीमत ४०० रूपये तो हुए ३५*६०*४०० = आठ लाख चालीस हज़ार रूपये वाह बेटा वाह यह बिजनेस पहले क्यूँ नहीं किया शुरू
पिताजी यह बिजनेस अभी आया है भारत मे .......
हेली का जवाब 23-5-2011, 8 बजे तक दे सकते है |
हेली का परिणाम 23-5-2011, 9 बजे |
प्रस्तुति :- सी.वी.रमन साइंस क्लब यमुना नगर हरियाणा
द्वारा :-दर्शन बवेजा,विज्ञान अध्यापक,यमुना नगर,हरियाणा
विज्ञानं संचार में अपना योगदान दें इस ब्लॉग के फालोअर बन कर    

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                                      (: जन्मदिनी पोस्ट :)
विज्ञान पहेली-16 Science Quiz-16 (और Science Quiz-15 का उत्तर)
इस पहेली का जवाब है  
एमु के अंडे Emu eggs इस  पहेली का जवाब दिया है,
  जी ने इस कल्ब की पहेली को जीता है  और दूसरे स्थान पर हैं अपने 
इनको बहुत बहुत बधाईयाँ. 


एमु पक्षी
एमु पक्षी मूलतः आस्ट्रेलिया का है एक सामान्य एमु अंडा 500 ग्राम्स वजन और 130 mm लंबा होता है| ऑस्ट्रेलिया का राष्ट्रीय पक्षी एमु किसानों के लिए मुर्गी पालन से कहीं ज्यादा बेहतर और आर्थिक दृष्टि से काफी फायदेमंद साबित होगा। करीब एक दशक पहले भारत में एमु बर्ड फार्मिंग की शुरुआत हुई थी। बर्फ जमाव की सर्दी से लेकर 55 डिग्री सेल्सियस से भी ज्यादा की गर्मी सहने की क्षमता रखने वाला यह पक्षी महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडू, गोवा, उड़ीसा, गुजरात, पंजाब के बाद अब राजस्थान में भी एमु बर्ड फार्मिंग की शुरुआत हो गई है।कुछ प्रगतिशील किसानों ने एमु फार्मिंग की ओर रुख किया है और उन्हें पूरा विश्वास है कि एमु उनके लिए सोने का अंडा देने वाली मुर्गी साबित होगा।  
यह मुलायम भूरे पंखौं वाली एमु शुतुरमुर्ग से कुछछोटी है। लंबी गर्दन-टांगौं वाला यह पक्षी दौ मीटर तक ऊंचा हो  जाता है। आस्ट्रेलिया के घने जंगलौं में रहने वाली दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी यह चिडि़या है|
इसको  लेकर आए हैं सीएआरआई के वैज्ञानिक। इनका इरादा है एमु को पौल्ट्री के विकल्प के रूप में तैयार करने का।
एमु फार्मिंग
पालतू बनेगा यह पक्षी
जापानी बटेर, टर्की और अब बारी है एमु की। देश के वैज्ञानिक अब दुनिया की सबसे बड़ी चिडि़यौं में शामिल इस पक्षी को पालतू बनाने की तैयारी में हैं। मूल रूप से आस्ट्रेलिया में पाई जाने वाली यह चिडि़या पचास किलौ से अधिक वजन की हौ जाती है। घने जंगलौं में रहने वाली एमु को अब तक लोगो  ने चिडि़या घरों  में ही देखा है, लेकिन अब तयारी है इसके व्यावसायिक पालन की।
टर्की की प्रजातियां कर चुके हैं विकसित
इस दिशा में आगे बढ़ रहे सीएआरआई के वैज्ञानिको का मानना है कि एमु को  पोल्ट्री के विकल्प के रूप में अपनाया जा सकता है। यहां बता दे कि इस संस्थान के वैज्ञानिको ने कुछ वर्ष पहले आस्ट्रेलिया के ही एक दूसरे पक्षी टर्की की छौटे आकार वाली प्रजातियां विकसित की थीं। पांच से सात किलो  वजन वाली टर्की की यह प्रजातियां अब देश के कई क्षेत्रौं में व्यावसायिक उपयोग के लिए पाली जा रही है।
अब इमू को  लेकर काम शुरू
टर्की से मिली सफलता को  आगे बढ़ाते हुए संस्थान के वैज्ञानिकौं ने अब एमु को लेकर काम शुरू किया है। इनका मानना है कि आकार में शुतुरमुर्ग जैसी बड़ी एमु को भी पौल्ट्री के विकल्प के रूप में अपनाया जा सकता है। इसके लिए पहली जरूरत इस विदेशी पक्षी को  अपने देश के वातावरण में रहने का आदी बनाने की है। पहले  चरण में सीएआरआई के वैज्ञानिक यही कार्य करेंगे। इसके साथ ही इसकी व्यावसायिक उपयोगिता का भी अध्ययन कराया जाएगा। 
महाराष्ट्र में हो  चुकी है शुरुआत
एक वर्ष पूर्व आस्ट्रेलिया के इस पक्षी को हैदराबाद से यहां लाने वाले मधुबन एमु फार्म के संचालक  ने बताया कि अपने देश में अभी एमु को लोग कम ही जानते हैं। महाराष्ट्र में कुछ लोगों  ने इसकी व्यावसायिक फार्मिंग शुरू की है। उन्हौंने बताया कि एमु का मीट बेहद स्वादिष्ट हौता है। इसमें फैट की मात्रा भी बहुत कम दो  प्रतिशत ही होती है, लेकिन इसके फैट से बनने वाले एमु आयल  से कई औषधियां बनती हैं। इस औषधीय उपयोग के चलते इसकी कीमत भी पांच हजार रुपये लीटर तक मिलती है। पचास किलो  तक वजन वाले एक वयस्क पक्षी से छह से सात लीटर तक तेल मिल जाता है। दीक्षित के अनुसार, प्रदेश में एमु की मांग तेजी से बढ़ रही है। इसके चलते इसके एक अंडे की कीमत 1500 रुपये तक पहुंच गई है। अभी ये अंडे एमु के बच्चे पाने के लिए ही बिक रहे हैं। जल्दी ही इसकौ लौग मीट का उपयौग करने के लिए भी पालने लगेंगे। बड़े काम का है एमु मात्र 18 माह के बाद ही करीब 600 ग्राम से भी ज्यादा भारी अण्डा देने वाले इस पक्षी के अण्डे की कीमत एक हजार से तीन हजार रुपए तक आंकी गयी है। एमु का मुख्य उपयोग विभिन्न प्रकार के तेलों हैलमेट बनाने, मीट सहित इसके नाखुन भी अच्छी कमाई का जरिया है। इसके अलावा बूट, बैल्ट, जैकेट, सजावटी वस्तुयें, नाखून, ज्वैलरी के अलावा मनुष्य की आँखों के क्षतिग्रस्त कोर्निया के काम लिया जा सकता है क्योंकि इस पक्षी को 10 मीटर तक साफ दिखाई देता है। एमु अपना ज्यादा समय बिना छत के खुले में रहना पसंद करता है। कम लागत में 35 साल तक आय देने वाले इस एमु के अण्डे देने का क्रम पहले साल 15 से शुरू होकर तीसरे साल ही करीब 35 से 40 की संख्या में पहुंच जाता है। - क्या है एमु 1997-98 में ऑस्ट्रेलिया से भारत प्रवेश करने वाले एमु को आम भाषा में 'आङूÓ कहा जाता है। जिसे कठिन से कठिन परिस्थितियों का सामना करने की क्षमता है। जन्म के समय एक फुट से भी कम लम्बा ये पक्षी बड़ा होकर आम इन्सान जितना करीब 5 फीट के लगभग लम्बा होता है। जोड़े में रहने वाले इस पक्षी में से अगर नर या मादा किसी एक ही मौत हो जाये तो दूसरा पक्षी आजीवन अकेला ही रहता है। मुलायम पंखों व भूरे, स्लेटी, काले व सफेद आदि रंगों में दिखने वाला ये प्यारा सा पक्षी झुंड में रहना पसंद करता है। आन्ध्रा में सोने का अण्डा देने वाली मुर्गी के नाम से मशहूर इस पक्षी की आयु 35 वर्ष तक है। ऑस्ट्रेलिया सरकार ने इसके निर्यात पर रोक लगाकर इसे राष्ट्रीय पक्षी का दर्जा दे रखा है।एमु से प्राप्त होने वाले तेल मार्केट में 4 से 6 हजार रु. लीटर है। कई औषधियों में काम आने वाले इस पक्षी के अंडे व प्रत्येक अंग फायदेमंद है। 
Emu Egg Facts, Size and Weight 

 

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विज्ञान पहेली -16 ........ Science Quiz -16
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यह किस पक्षी के चूजे हैं ? 
हेली का जवाब 30-5-2011, 8 बजे तक दे सकते है |
हेली का परिणाम 30-5-2011, 9 बजे |





प्रस्तुति :- सी.वी.रमन साइंस क्लब यमुना नगर हरियाणा
द्वारा :-दर्शन बवेजा,विज्ञान अध्यापक,यमुना नगर,हरियाणा
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विज्ञान पहेली-17 Science Quiz-17 (और Science Quiz-16 का उत्तर)
इस पहेली का जवाब है
मोर के चूजे  
और इस पहेली का जवाब दिया है 

Indranil Bhattacharjee ........"सैल"

आपको  बहुत बहुत बधाईयाँ …….
मोर के बारे मे विस्तृत जानकारी यहाँ से प्राप्त करें 
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विज्ञान पहेली -17 ........ Science Quiz -17
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 रसायन प्रयोगशाला के इन तीन ग्लास उपकरणों के नाम बताना है अलग अलग टिप्पणी मे बताने पर गलत उत्तर बहार निकाला जा सकता है.


 पहेली का जवाब 8-6-2011, रात्री 8 बजे तक दे सकते है |

                        पहेली का परिणाम 8-6-2011, रात्री 9 बजे |


    प्रस्तुति :- सी.वी.रमन साइंस क्लब यमुना नगर हरियाणा
    द्वारा :-दर्शन बवेजा,विज्ञान अध्यापक,यमुना नगर,हरियाणा
  विज्ञानं संचार में अपना योगदान दें इस ब्लॉग के फालोअर बन कर    
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    विज्ञान पहेली-18 Science Quiz-18 (और Science Quiz-17 का उत्तर)
इस ब्लॉग के १०० समर्थक होने की खुशी के साथ इस का दुख कि इस पहेली -१७ का जवाब कोई नहीं देना चाहता था वरना जवाब तो मिल ही जाना था B.Sc. मे इन अप्रेट्स का बहुत प्रयोग किया है खैर 
Retort

Thiele tube
pycnometer
सभी उत्साह बढाने वाले बंधुओं का धन्यवाद और अब बारी है नयी पहेली की
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विज्ञान पहेली-18 Science Quiz-18
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 यह बच्चे घर पर ही चार रसायनों को मिला के अपनी मम्मी के लिए कोई काम की घरेलू चीज बना रहे हैं आज कल यह होममेड पदार्थ कम प्रचलन मे है परन्तु फिर भी कभी कभी कोई बना लेता है सस्ता पड़ता है .
हेली का जवाब 15-6-2011,  8 बजे तक दे सकते है |
                        पहेली का परिणाम 15-6-2011,  9 बजे |
प्रस्तुति :- सी.वी.रमन साइंस क्लब यमुना नगर हरियाणा
    द्वारा :-दर्शन बवेजा,विज्ञान अध्यापक,यमुना नगर,हरियाणा
  विज्ञानं संचार में अपना योगदान दें इस ब्लॉग के फालोअर बन कर    
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विज्ञान पहेली-19 Science Quiz-19 (और Science Quiz-18 का उत्तर)
 इस पहेली -१८  का जवाब दिया है 
आपको व अन्य प्रतिभागियों,विजिटर्स को बहुत बहुत बधाईयां व धन्यवाद 
श्री राज भाटिया जी जी के हम विशेष रूप से यूं भी आभारी हैं कि आपकी उपस्तिथि बच्चों के इस क्लब गतिविधि ब्लॉग पर सदैव रहती है. विज्ञान गतिविधियाँ विज्ञान क्लब का चिठ्ठा होने के कारण यह क्लब की पत्रिका के समान ही है आप की इस पर उपस्तिथि आप के बाल प्रेम को प्रकट करती हैं हम आपकी इस भावना के आगे नमन करते हैं.



भुवनेश और विशाल
ये बच्चे लिसापोल नामक एक तरल साबुन/डिटर्जेन्ट बना रहे है जिस का प्रयोग डिश वाश तरल सोप के रूप मे किया जाता है. आजकल यह होममेड पदार्थ कम प्रचलन मे है परन्तु फिर भी कभी कभी कोई बना लेता है सस्ता पड़ता है.
ये दोनों बच्चे भुवनेश और विशाल मश्कअली जो की दोनों सी.वी.रमण विज्ञान क्लब के एक्टिव सदस्य भी है.लिसापोल ही बना रहें हैं. 
लिसापोल बनने के लिए चार रसायन प्रयोग मे लाये जाते हैं.
यह चारों रसायन आसानी से साबुन उद्योग का कच्चा माल बेचने वाले दूकानदार के पास मिल जाता है.ये चारों रसायन हैं;


१. एसिड स्लरी Acid Slurry 0.2 kg
२. सोडा ऐश Soda Ash  .05 kg
३. ट्राई सोडियम फास्फेट  Tri Sodium Phosphate .05kg
४. यूरिया .05    kg 
एक प्लास्टिक की बाल्टी मे 5 लीटर पानी लेकर उस मे सोडा ऐश घोल लेते हैं.और फिर  एसिड स्लरी को धीरे धीरे मिलाते हैं और लकड़ी की स्टिक से चलते रहते है.अब बाकी दोनों रसायन भी मिला कर घोल लेते हैं लो जी बन गया आप का तरल साबुन यानि Liquid Soap. इस से आप बर्तन धो सकते है कोई कालीन,दरी,फर्श आदि बड़े क्षेत्रफल वाला धुलाई का काम जहां ज्यादा साबुन लगने की आवश्यकता हो यह १०-१५ रूपये प्रति किलोग्राम खर्च का तरल साबुन या डिटर्जेन्ट है       
सभी उत्साह बढाने वाले बंधुओं का धन्यवाद और अब बारी है नयी पहेली की.....
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विज्ञान पहेली-19 Science Quiz-19
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यह क्या घटना है और ताज़ा ताज़ा  कब घटित होने जा रही है?
हेली का जवाब 19-6-2011,  8 बजे तक दे सकते है |
हेली का परिणाम 19-6-2011,  9 बजे |



प्रस्तुति :- सी.वी.रमन साइंस क्लब यमुना नगर हरियाणा
द्वारा :-दर्शन बवेजा,विज्ञान अध्यापक,यमुना नगर,हरियाणा
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     उत्साहवर्धन करें |
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विज्ञान पहेली-20 Science Quiz-20 (और Science Quiz-19 का उत्तर)

                             *****अंतिम साप्ताहिक पहेली***** 

 इस पहेली -१९  का जवाब दिया है.

डॉ. नूतन डिमरी गैरोला जी - नीति

आपको व अन्य प्रतिभागियों,विजिटर्स को बहुत बहुत बधाईयां व धन्यवाद. 

दूसरा स्थान प्राप्त किया है .

आशीष श्रीवास्तव जी ने 

बीस पहेलियों के प्रकाशन के बाद यह साप्ताहिक पहेली बंद कर के मासिक कर दी जाएगी इसका कारण कोई खास नहीं है.
अब बारी है पहेली-१८ का जवाब

यह चित्र चन्द्रग्रहण का है.
क्लब ने 15 जून2011 के पूर्ण चंद्रग्रहण के लिए खास प्रबंध किये थे जिनमे 15 जून 2011 के दिन एक एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया था.
15-16 जून 2011 को विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया था जिस की विस्तृत रिपोर्ट आप यहाँ पढ़ सकते है.

सभी उत्साह बढाने वाले बंधुओं का धन्यवाद और अब बारी है नयी पहेली की.....
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विज्ञान पहेली-20 Science Quiz-20
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यह चित्र क्या प्रकट करता है ? 
हेली का जवाब 26-6-2011,  8 बजे तक दे सकते है.   
हेली का परिणाम 26-6-2011,  9 बजे.
अगली पहेली अब हर माह  की पहली तारीख को यानी अगली मासिक पहेली अब 1 जुलाई को.  

प्रस्तुति :- सी.वी.रमन साइंस क्लब यमुना नगर हरियाणा
द्वारा :-दर्शन बवेजा,विज्ञान अध्यापक,यमुना नगर,हरियाणा
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