रविवार, 22 दिसंबर 2019

आज का प्रश्न-491 Question no-494- मच्छर के काटने से मलेरिया हो सकता है पर HIV-AIDS नही, जबकि रक्त आधान blood Transfusion होता है?

रविवार, 10 अप्रैल 2016

आज का प्रश्न-492 question no-492

आज का प्रश्न-492 question no-492

आज का प्रश्न-492 question no-492

प्रश्न-489 : ब्लड प्रेशर मापते  समय डाक्टर साहब स्फीगमामैनोमीटर के Cuff  बैल्ट कोहनी और कंधे के बीच ही क्यों बांधते हैं ? 

सोमवार, 22 फ़रवरी 2016

आज का प्रश्न-491 question no-491

आज का प्रश्न-491 question no-491

प्रश्न-491 : सूर्यग्रहण को नंगी आँखोँ से देखना मना होता है क्योँ?

उत्तर : 
सूर्यग्रहण ही नही सूर्य को किसी भी समय नंगी आंखो से देखना मना होता है। 
सूर्य से प्रकाश के अतिरिक्त पराबैंगनी किरणे निकलती है जो आंखो को क्षति पहुंचा सकती है और यह क्षति हमेशा के लिये हो सकती है। पराबैंगनी किरणे से कैंसर भी हो सकता है।

शुक्रवार, 19 फ़रवरी 2016

आज का प्रश्न-490 question no-490

आज का प्रश्न-490 question no-490

प्रश्न-489 : कुछ जानवरों की  आँखें रात्री में क्यूँ चमकती हैं ?

उत्तर : आंखों में स्थित रेटिना में दो प्रकार की कोशिका होती हैं- एक फोटोरिसेप्टर कोशिका व दूसरी रॉड कोशिका। 
रॉड कोशिका प्रकाश संवेदी होती हैं और कम प्रकाश में उपयोगी होती हैं। कोन कोशिका रंगों व चमकीलेपन के प्रति संवेदी होती हैं। 
बिल्ली में रॉड कोशिका की अपेक्षा कोन कोशिका की संख्या अधिक होती है। अंधेरे में जब बिल्ली अपनी आंखों को पूरा खोलती है तो सम्पूर्ण उपस्थित प्रकाश टेपटिम ल्यूसिडम नामक पर्त पर गिरता है, जो कि क्रिस्टल से बनी होती है। यह पर्त सभी दिशाओं में आंख के अंदर व बाहर प्रकाश उत्सर्जित करती है, जिससे बिल्ली पर्याप्त रूप से देख सकें और हमें प्रतीत होता है कि उसकी आंखें चमक रही हैं।

मंगलवार, 16 फ़रवरी 2016

आज का प्रश्न-489 question no-489

आज का प्रश्न-489 question no-489

प्रश्न-489 :  कैंसर क्या होता है?

उत्तर : कैंसर रोग वास्तव में शरीर में कोशिकाओं के समूह की अनियंत्रित वृद्धि को कहते हैं, फिर ये कोशिकाएं उत्तकों को प्रभावित करती हैं तब कैंसर शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाता है। कैंसर किसी भी आयु में हो सकता है। कैंसर का उचित समय पर पता ना लगे और उसका इलाज ना हो तो इससे जान जाने का खतरा बढ़ जाता है। कैंसर के प्रकार में मुख्यतः स्तन कैंसर, मुख कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, मस्तिष्क कैंसर, हड्डी में कैंसर, मूत्राशय का कैंसर, अमाशय का कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, गर्भाशय कैंसर, गुर्दों में कैंसर, फेफड़ों का कैंसर, त्वचा कैंसर, रक्त कैंसर, पेट का कैंसर, थायरॉड कैंसर, गले का कैंसर अदि होते हैं। उचित खानपान, व्यसनों से दूरी, प्रदुषण व कीटनाशक नाशक रसायनों से बचाव, व्यायाम, फलों और सब्जियों की मात्रा बढ़ाकर कैंसर से बचा जा सकता है  

सोमवार, 15 फ़रवरी 2016

आज का प्रश्न-488 question no-488

आज का प्रश्न-488 question no-488

प्रश्न-488 :क्या है लूसी AL 288-1 ? What is Lucy?

लूसी यह AL 288-1 नामक मादा आदिमानव कंकाल का सामान्य नाम है। यह आधुनिक मानव ’होमो सैपियन्स(Australopithecus afarensis)’ की पूर्वज प्रजाति आस्ट्रेल्प्पिथेकस अफ़रेन्सीस की मादा सदस्य का 40% कंकाल है। लूसी को आज ही के दिन 24 नवंबर 1974 को इथोपिया की अवश घाटी(Awash Valley) मे अफ़ार त्रिभूज(Afar Triangle) के पास एक गांव हडार(Hadar ) मे पाया गया था। यह खोज डोनाल्ड जानसन(Donald Johanson) ने की थी।
मानव जीवन के विकास के अध्ययन को पेलेन्थ्रोपोलोजी (paleoanthropology) कहा जाता है। इस क्षेत्र मे संपूर्ण आदि मानव कंकाल नही मील पाते है, अधिकतर कंकालो के कुछ भाग, कुछ अस्थियाँ ही प्राप्त हो पाती है। लेकिन लूसी की खोज असाधारण थी, इस मामले मे उसका अधिकतर कंकाल प्राप्त हुआ था। लूसी की खोज ने उसके बारे मे और उस समय के मानव के बारे मे कई नयी जानकारीयाँ प्रदान की थी।
यह कंकाल लगभग 32 लाख वर्ष प्राचीन है। इस कंकाल की खोपड़ी छोटी है और वानरो से मेल खाती है, यह मानव दो पैरो पर चलता था और सीधा खड़ा हो सकता था जोकि आधुनिक मानवो के समान है। इन प्रमाणो से यह पता चला कि सीधे खड़े होकर चलने का मानव मस्तिष्क से कोई सीधा संबंध नही है।
लूसी इन द स्काई विथ डाइमन्डस्' बीटल्स का प्रसिद्ध गाना है। जब पुरातत्त्वविदियों कों यह अस्थिपंजर मिला और वे लौट का कैंप में आये तो बीटल्स का यह गाना बज रहा था। इसलिये इसका नाम लूसी रखा गया

मंगलवार, 5 नवंबर 2013

आज का प्रश्न-487 question no-487

आज का प्रश्न-487 question no-487

प्रश्न-487 : क्या मनुष्य के पास ऐसी टेक्नोलॉजी होगी की वो जो चाहे हासिल कर सके ?

उत्तर : यह एक ऐसा प्रश्न है जिसका उत्तर आसान नही है।
"जो चाहे हासिल कर सके" यह काफी व्यापक है।
यदि आपका आशय भौतिक वस्तुओं से है तब यह संभव है। यदि आप चाहे कि मुझे अभी "खीर" खानी है तब भविष्य मे मशीनें आपको वह उसी समय बिना दूध, चावल के बना कर दे सकती है जो स्वाद और गुणधर्मो मे असली खीर के जैसे ही होगी। कृत्रिम मांस भी बनाया जा चुका है जिसे खाया जा सकता है।
आप चाहे कि आप चाँद पर बसना चाहते है, यह भी संभव है कि चंद्रमा पर मानव के रहने लायक वातावरण बनाया जा सके।
भविष्य मे बीमारीयां कम होंगी, अंग प्रत्यारोपण संभव होगा लेकिन मृत्यु पर विजय पाना कठिन।
पृथ्वी के वातावरण, सुनामी , बाढ, भूकंप जैसी आपदाओ पर बेहतर नियंत्रण संभव होगा, लेकिन पूर्ण नियंत्रण कठिन।
कुल मिलाकर "जो चाहे" वह हासिल करना तो संभव नही लेकिन "बहुत कुछ" हासिल किया जा सकेगा"

रविवार, 3 नवंबर 2013

आज का प्रश्न-486 question no-486

आज का प्रश्न-486 question no-486
प्रश्न-486: एक शून्य द्रव्यमान का कण (फोटोन) संवेग (momentum - p) का वहन कैसे कर सकता है , क्योंकि द्रव्यमान के शून्य होने पर संवेग भी शून्य होना चाहिये? 
उत्तर:  फोटान जिसका द्रव्यमान शून्य होता है।
न्युटन के अनुसार,
गतिज ऊर्जा E=1/2mv2
संवेग P=mv
m=द्रव्यमान , v = गति
लेकिन यदि आप फोटान(प्रकाश) के लिये द्रव्यमान m=0 रखें तो आप पायेंगे कि
E=0
P=0
लेकिन यह तो गलत है! यदि फोटान ऊर्जा का वहन नही करते है तो उससे वस्तुयें गर्म कैसे हो जाती है?
समस्या आती है न्युटन के नियमो से! ये नियम पूरी तस्वीर नहीं बनाते है और जब प्रकाश की बात होती है तो वे गलत सिद्ध होते है।
सापेक्षतावाद के नियमो के अनुसार द्रव्यमान वाले और द्रव्यमान रहित(m=0) कणो मे मूलभूत अंतर है। दोनो के लिये एक समीकरण का प्रयोग नही किया जा सकता है।
कोई भी कण जिसका द्रव्यमान शून्य हो हमेशा प्रकाशगति से यात्रा करता है, जबकि द्रव्यमान वाले कणो की गति प्रकाशगति से कम होगी और वह शून्य (स्थिर) भी हो सकती है। ध्यान रहे : प्रकाश और साधारण पदार्थ दोनो अलग है और दोनो को संचालित करने वाले नियम अलग है।
1905 मे आइंस्टाइन के अनुसार
E2=P2c2+m2c4.
इसी वर्ष पाया गया था कि प्रकाश दोहरा व्यवहार रखता है, वह कण और तरंग दोनो के जैसे व्यवहात करता है। फोटान जो प्रकाश के कण है वे अपने द्रव्यमान या गति से संचालित नही होते है। वे अपनी आवृति(frequency) से संचालित होते है:
E=hf
h = प्लैंक का स्थिरांक(Planck’s constant)
प्रकाश के लिये m=0
इसलिये E=Pc (गति और संवेग अनुपातिक होते है)।
ध्यान रहे कि संवेग कभी शून्य नही हो सकता है, क्योंकि शून्य द्रव्यमान और शून्य संवेंग का अर्थ है कुछ भी नही(nothing)। दूसरे शब्दो मे आप कह सकते है कि प्रकाश कभी स्थिर नही हो सकता है।

शनिवार, 2 नवंबर 2013

आज का प्रश्न-485 question no-485

आज का प्रश्न-485 question no-485
प्रश्न-485: ब्रह्माण्ड क्या मतलब होता है?
उत्तर: ब्रह्माण्ड अर्थात सब कुछ। मै ,आप, हमारी पृथ्वी, सूर्य , सभी तारे , आकाशगंगाये, उनके मध्य का रिक्त स्थान, यह सभी ब्रह्माण्ड मे आता है।