आज का प्रश्न-105 question no-105
Qus.no105 : क्या वज़ह रही होगी कि टाईपराईटर पर अंग्रेजी वर्णमाला के अक्षर क्रम मे नही लगाये गये थे फिर कम्पयूटर के किबोर्ड मे (टाईपराईटर के किबोर्ड जैसी समस्या नही आने पर) भी वो ही टाईपराईटर जैसा कम्र ही रखा गया क्यों ?
उत्तर: आज के प्रश्न का उत्तर हैं क्वर्टी कीबोर्ड मूलरूप से टाइपराइटर हेतु बनाया गया था जिसमें बारम्बार प्रयोग होने वाली वर्णों को दूर-दूर रखा गया क्योंकि जल्दी-जल्दी दबने से कुञ्जियों के लीवर आपस में उलझ जाते थे। रेमिंगटन कम्पनी द्वारा बनाया गया यह लेआउट बाद में सभी टाइपराइटरों में प्रचलित हो गया।
कम्प्यूटर जब शुरु में आया तो दूसरा कोई विकल्प न होने से यही अपना लिया गया। काफी समय बाद ऑगस्ट डवॉरॅक नामक महोदय ने डवॉरॅक नामक उच्च गति के प्रदर्शन वाला बेहतर कीबोर्ड लेआउट बनाया जो कि मोस्ट फ्रीक्वेंट कीज को व्यवस्थित करके बनाया गया था परन्तु तब तक साथ ही दुनिया के तमाम कम्प्यूटरों में क्वर्टी प्रचलित हो चुका था, पुराने टाइपिस्ट क्वर्टी के आदी हो चुके थे उन्होंने इसे नहीं अपनाया।
Qus.no105 : क्या वज़ह रही होगी कि टाईपराईटर पर अंग्रेजी वर्णमाला के अक्षर क्रम मे नही लगाये गये थे फिर कम्पयूटर के किबोर्ड मे (टाईपराईटर के किबोर्ड जैसी समस्या नही आने पर) भी वो ही टाईपराईटर जैसा कम्र ही रखा गया क्यों ?
उत्तर: आज के प्रश्न का उत्तर हैं क्वर्टी कीबोर्ड मूलरूप से टाइपराइटर हेतु बनाया गया था जिसमें बारम्बार प्रयोग होने वाली वर्णों को दूर-दूर रखा गया क्योंकि जल्दी-जल्दी दबने से कुञ्जियों के लीवर आपस में उलझ जाते थे। रेमिंगटन कम्पनी द्वारा बनाया गया यह लेआउट बाद में सभी टाइपराइटरों में प्रचलित हो गया।
कम्प्यूटर जब शुरु में आया तो दूसरा कोई विकल्प न होने से यही अपना लिया गया। काफी समय बाद ऑगस्ट डवॉरॅक नामक महोदय ने डवॉरॅक नामक उच्च गति के प्रदर्शन वाला बेहतर कीबोर्ड लेआउट बनाया जो कि मोस्ट फ्रीक्वेंट कीज को व्यवस्थित करके बनाया गया था परन्तु तब तक साथ ही दुनिया के तमाम कम्प्यूटरों में क्वर्टी प्रचलित हो चुका था, पुराने टाइपिस्ट क्वर्टी के आदी हो चुके थे उन्होंने इसे नहीं अपनाया।
3 टिप्पणियां:
चूंकि कम्पूटर पर काम करते समय टाइपिस्ट की स्पीड अवरोधित न हो |
आशा
क्वर्टी कीबोर्ड मूलरूप से टाइपराइटर हेतु बनाया गया था जिसमें बारम्बार प्रयोग होने वाली वर्णों को दूर-दूर रखा गया क्योंकि जल्दी-जल्दी दबने से कुञ्जियों के लीवर आपस में उलझ जाते थे। रेमिंगटन कम्पनी द्वारा बनाया गया यह लेआउट बाद में सभी टाइपराइटरों में प्रचलित हो गया।
कम्प्यूटर जब शुरु में आया तो दूसरा कोई विकल्प न होने से यही अपना लिया गया। काफी समय बाद ऑगस्ट डवॉरॅक नामक महोदय ने डवॉरॅक नामक उच्च गति के प्रदर्शन वाला बेहतर कीबोर्ड लेआउट बनाया जो कि मोस्ट फ्रीक्वेंट कीज को व्यवस्थित करके बनाया गया था परन्तु तब तक साथ ही दुनिया के तमाम कम्प्यूटरों में क्वर्टी प्रचलित हो चुका था, पुराने टाइपिस्ट क्वर्टी के आदी हो चुके थे उन्होंने इसे नहीं अपनाया।
"August Dvorak died in 1975, a bitter man: I’m tired of trying to do something worthwhile for the human race, he complained. They simply don’t want to change! "
इस बारे में निम्नलिखित लेख पठनीय हैं।
http://discovermagazine.com/1997/apr/thecurseofqwerty1099/
http://en.wikipedia.org/wiki/qwerty
http://en.wikipedia.org/wiki/Dvorak_Simplified_Keyboard
गुरुजी पहली बार हम आपके प्रश्न का उत्तर देकर फर्स्ट आ पाये। :-)
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