आज का प्रश्न-106 question no-106
Qus.no106 : उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवीय मेरू ज्योति क्या है ?
उत्तर : ध्रुवीय मेरू ज्योति (अंग्रेजी: Aurora), या मेरुज्योति, वह रमणीय दीप्तिमय छटा है जो ध्रुवक्षेत्रों के वायुमंडल के ऊपरी भाग में दिखाई पड़ती है। उत्तरी अक्षांशों की ध्रुवीय ज्योति को सुमेरु ज्योति (अंग्रेजी: aurora borealis), या उत्तर ध्रुवीय ज्योति, तथा दक्षिणी अक्षांशों की ध्रुवीय ज्योति को कुमेरु ज्योति (अंग्रेजी: aurora australis), या दक्षिण ध्रुवीय ज्योति, कहते हैं।
इनकी उत्पत्ती सौर वायु(सूर्य से प्रवाहित आवेशीत एवं उच्च ऊर्जा वाले कणो की धारा) के पृथ्वी के वातावरण के थर्मोस्फीयर के परमाणु से टकराने होती है। जब सूर्य पर सौर गतिविधियां अपने चरम पर होती है, यह ज्योतियाँ भी अपने चरम पर होती है।
Qus.no106 : उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवीय मेरू ज्योति क्या है ?
उत्तर : ध्रुवीय मेरू ज्योति (अंग्रेजी: Aurora), या मेरुज्योति, वह रमणीय दीप्तिमय छटा है जो ध्रुवक्षेत्रों के वायुमंडल के ऊपरी भाग में दिखाई पड़ती है। उत्तरी अक्षांशों की ध्रुवीय ज्योति को सुमेरु ज्योति (अंग्रेजी: aurora borealis), या उत्तर ध्रुवीय ज्योति, तथा दक्षिणी अक्षांशों की ध्रुवीय ज्योति को कुमेरु ज्योति (अंग्रेजी: aurora australis), या दक्षिण ध्रुवीय ज्योति, कहते हैं।
इनकी उत्पत्ती सौर वायु(सूर्य से प्रवाहित आवेशीत एवं उच्च ऊर्जा वाले कणो की धारा) के पृथ्वी के वातावरण के थर्मोस्फीयर के परमाणु से टकराने होती है। जब सूर्य पर सौर गतिविधियां अपने चरम पर होती है, यह ज्योतियाँ भी अपने चरम पर होती है।
आशीष श्रीवास्तव जी का बहुत घन्यवाद
फेसबुक मित्रों का बहुत बहुत धन्यवाद सभी टिप्पणी कर्ताओं का जी धन्यवाद
प्रस्तुति: सी.वी.रमण विज्ञान क्लब यमुनानगर हरियाणा
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ध्रुवीय ज्योति (अंग्रेजी: Aurora), या मेरुज्योति, वह रमणीय दीप्तिमय छटा है जो ध्रुवक्षेत्रों के वायुमंडल के ऊपरी भाग में दिखाई पड़ती है। उत्तरी अक्षांशों की ध्रुवीय ज्योति को सुमेरु ज्योति (अंग्रेजी: aurora borealis), या उत्तर ध्रुवीय ज्योति, तथा दक्षिणी अक्षांशों की ध्रुवीय ज्योति को कुमेरु ज्योति (अंग्रेजी: aurora australis), या दक्षिण ध्रुवीय ज्योति, कहते हैं।
इनकी उत्पत्ती सौर वायु(सूर्य से प्रवाहित आवेशीत एवं उच्च ऊर्जा वाले कणो की धारा) के पृथ्वी के वातावरण के थर्मोस्फीयर के परमाणु से टकराने होती है। जब सूर्य पर सौर गतिविधियां अपने चरम पर होती है, यह ज्योतियाँ भी अपने चरम पर होती है।
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