यथा शिखा मयूराणां, नागानां मणयो यथा । तद् वेदांगशास्त्राणां, गणितं मूर्ध्नि वर्तते॥ —वेदांग ज्योतिष(जैसे मोरों में शिखा और नागों में मणि का स्थान सबसे उपर है, वैसे ही सभी वेदांग और शास्त्रों मे गणित का स्थान सबसे उपर है।)
प्रश्न-337: क्या
कारण है कि सूर्य से आने वाली प्रकाश कि किरणें लघु तंरग दैर्घ्य वाली
होती हैं किन्तु पृथ्वी से परावर्तन के पश्चात् वह दीर्घ तंरग दैर्घ्य में
परिवर्तित हो जाती हैं?
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