Thursday, June 14, 2012

आज का प्रश्न-319 question no-319

आज का प्रश्न-319 question no-319
      प्रश्न-319:  क्या जानवर रंग देख सकते हैं?
      उत्तर: जब प्रकाश की किरणें आँखों के अंदर दृश्य-पटल (रेटिना)पर पड़ती हैं, तो दंड और शंकु कोशिकाएं उत्तेजित हो जाती हैं। रेटिना के किनारे स्थित दंड कोशिकाएं प्रकाश और अंधेरे में अंतर बताती हैं। रेटिना के बीच में स्थित शंकु कोशिकाएं रंगों की पहचान करती हैं। रंगों को देखना एक जटिल प्रक्रिया है और इसे अभी तक पूरी तरह नहीं समझा गया है, फिर भी, यंग-हेल्मोज सिद्धांत के जरिए अभी तक इसकी सबसे अच्छी व्याख्या की गई है। इसके अनुसार आँखों में तीन तरह की तंत्रिकाएँ होती हैं जो तीन प्राथमिक रंगों; लाल, हरा, और नीला की पहचान करती हैं। चूंकि सफेद रंग सहित बाकी सभी रंग इन प्राथमिक रंगों के मिश्रण से ही बनते हैं, अतः हमारी आँखें इन रंगों को भी देख लेती हैं। प्रकृति में नाना रंगों के पशु-पक्षी मौजूद हैं। लेकिन क्या वे स्वयं रंग देख सकते हैं? वे यह बात बता तो नहीं सकते। फिर कैसे पता लगाया जाए? वैज्ञानियों ने इसके लिए अनेक प्रयोग किए हैं। रंग-बिरंगे फूलों पर बैठने वाली मधु-मक्खी की एक विशेषता है। विज्ञानियों ने शहद समेत और बिना शहद के, दोनों अवस्था में मधुमक्खियों को विभिन्न रंगों के सामने रखा। इससे एक रोचक जानकारी मिली कि मधुमक्खियां लाल रंग नहीं देख पाती हैं। लेकिन वे नीला-और पराबैंगनी रंग भी देख सकती हैं। मुर्गियों पर परीक्षण से पता चला कि वे सभी रंग देख सकती हैं, लेकिन आश्चर्यजनक   बात यह है कि कुत्तों, बिल्लियों और सांड़ों को रंग दिखाई नहीं देता। इसका कारण यह तो नहीं कि ये स्वयं रंग-बिरंगे नहीं होते।
      प्रकाश गोविन्द जी व ePandit  जी फेसबुक मित्रों का बहुत बहुत धन्यवाद
     सभी टिप्पणी कर्ताओं का जी धन्यवाद
     प्रस्तुति: सी.वी.रमण विज्ञान क्लब यमुनानगर

2 comments:

प्रकाश गोविंद said...

मेरे ख्याल से अधिकाँश जानवर रंग नहीं देख सकते ... लेकिन कुछ जानवर रंग देख सकते हैं !
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बाकी विस्तृत जानकारी तो सर जी आप ही देंगे

ePandit said...

कई नहीं देख सकते। बाकी सबका पता नहीं।