रविवार, 13 मई 2012

आज का प्रश्न-291 question no-291

आज का प्रश्न-291 question no-291
प्रश्न-291 : इस विज्ञान तुकबंदी में तीन फूलों के नाम आयें हैं पहचान कर बताओ कि इन तीनो फूलों की क्या विशेषतायें हैं ? 
फूल जो मांगा उन्होंने बड़ा सा
मैंने फूल 'रेफ्लेशिया' दे दिया
जब बुद्धू कह कर मुहं मोड़ा तो
अबके 'फूल गोभी' का दे दिया
बता के झल्ला जब लाफा जमाया
बोटनी की कसम 'डकवीड' लाया
लाफा खाया पर समझ ना पाया
हाय हाय तीनो फूलों की माया 
उत्तर  : 'रेफ्लेशिया' दुनिया का विशालकाय फूल है रेफ्लेशिया अर्नोल्डी पौधे पैरेसाइट होते हैं और ज्यादातर टेट्रास्टिग्मा जीनस के वाईन के पौधों पर बढ़ते हैं। जब तक इनके फूल न खिलें, यह पौधे अदृश्य होते हैं, क्योंकि न तो इसका तना होता है और न ही पत्तियां। हां, इस पौधे की जड़ें ज़रूर होती हैं, लेकिन वो भी वाईन के टिशू में काफी गहराई में होती हैं। रेफ्लेशिया पौधे की मौजूदगी तभी पता चलती है, जब वाईन पर इसकी कली आती है। इस कली को खिलने में नौ से बारह महीने का समय लगता है। बस, इस दौरान ही रेफ्लेशिया की मौजूदगी मालूम की जा सकती है। इस फूल की एक और रोचक बात यह है कि इसकी कली फूल बनने के पहले एक बड़े पत्तागोभी के आकार में बढ़ती है। रेफ्लेशिया के फूल बारिश के मौसम में रात के समय खिलते हैं।
रेफ्लेशिया फूल से सड़े मांस की दुर्गंध आती है, इसीलिए इसे कोर्पस्‌ (लाश) फ्लावर या मीट (मांस) फ्लावर भी कहा जाता है। रेफ्लेशिया के फूल लाल रंग के होते हैं। फूल की पांच पंखुड़ियां चमकीली और धब्बेदार होती हैं। इन फूलों का वजन 7-11 किग्रा होता है और व्यास 1 मीटर तक हो सकता है। रेफ्लेशिया का फूल बीच में से कुएं की तरह होता है। इस कुएं में एक उभरी हुई सेंट्रल डिस्क होती है, जिस पर वर्टिकली कई कांटें लगे होते हैं। रेफ्लेशिया का फूल केवल 5-7 दिनों तक ही खिला रहता है, इसके बाद ये काला पड़कर सड़ने लगता है। यह मलेशिया, सुमात्रा, जावा, थाईलैंड, बोर्नियो और फिलीपींस के वर्षावनों में पाया जाता है।ये फूल युनिसेक्शुअल होते हैं यानी नर और मादा फूल अलग-अलग होते हैं, इसलिए ये फूल पोलिनेशन के लिए दूसरे जीवों पर निर्भर होता है। रेफ्लेशिया फूल की दुर्गंध इस पौधे का एडेप्टेशन है। इस गंध से कीड़े-मकोड़े आकर्षित होते हैं, जो फूल के पोलीनेशन में सहायक होते हैं। यह फूल काफी दुर्लभ है और लुप्त होने की कगार पर है।

गोभी का फूल एक प्रकार का शाक/सब्जी है इसकी खेती भारत में अधिकता से होती है । वनस्पति शास्त्र के ज्ञाता इसके क्षुप को रोई या सरसों की जाति का मानते हैं। यह तीन प्रकार की होती है—फूल गोभी, गाँठगोभी और पातगोभी। फूलगोभी को साधारणतः गोभी ही कहते हैं। इसका डंठल, जो जमीन में गड़ा होता है, साधारण गन्ने के बराबर मोटा होता है और एक बालिश्त या इससे कुछ अधिक लंबा होता है। इसके ऊपर चारो ओर चौडे मोटे और बड़े पत्ते होते हैं जिनके बीच में बहुत छोटे छोटे मुँहबँधे फूलों का गुथा हुआ समूह रहता है। खिले हुए फूलोंवाली गोभी खराब समझी जाती है। यह कार्तिक के अंत तक तैयार हो जाती है और जाड़े भर रहती है। इसके फूल की तरकारी बनती है और मुलायम पत्तों का साग बनाया जाता है । यह सुखाकर भी पखी जाती है और दूसरी ऋतुओं में काम आती है
'डकवीड' आस्ट्रेलिया का वुल्फिया डकवीड दुनिया का सबसे छोटा फूल है यह रुके पानी में तैरता है तालाब या खेतों में खड़े पाने में यह हरी चटाई के तरह बिछा होता है 
Asha Saxena जी फेसबुक मित्रों का बहुत बहुत धन्यवाद
सभी टिप्पणी कर्ताओं का जी धन्यवाद
प्रस्तुति: सी.वी.रमण विज्ञान क्लब यमुनानगर
 
 

1 टिप्पणी:

Asha Lata Saxena ने कहा…

रेफ्लेसिया ,गोभी का फूल और डक बीड
१-रेफ्लेशिया सबसे बड़ा फूल होता है
२ -गोभी की सब्जी बनाती है
३-डक बीड का आकार बतक जैसा होता है और बहुत सुन्दर दीखता है