आज का प्रश्न-289 question no-289
प्रश्न-289 : खरगोशो की आबादी किस गणितीय क्रम का अनुसरण करती है ?
उत्तर: खरगोशो की आबादी फिबोनाची श्रेणी (Fibonacci number) गणितीय क्रम का अनुसरण करती है।
0, 1, 1, 2, 3, 5, 8, 13, 21, 34, 55, 89, 144,..........
संख्याओं का उपरोक्त अनुक्रम फिबोनाची श्रेणी (Fibonacci number) कहलाता हैं इस क्रम को हेमचंद्र श्रेणी भी कहा जाता है।
प्रश्न-289 : खरगोशो की आबादी किस गणितीय क्रम का अनुसरण करती है ?
उत्तर: खरगोशो की आबादी फिबोनाची श्रेणी (Fibonacci number) गणितीय क्रम का अनुसरण करती है।
0, 1, 1, 2, 3, 5, 8, 13, 21, 34, 55, 89, 144,..........
संख्याओं का उपरोक्त अनुक्रम फिबोनाची श्रेणी (Fibonacci number) कहलाता हैं इस क्रम को हेमचंद्र श्रेणी भी कहा जाता है।
इस श्रेणी में पहली दो संख्याएँ 0 और 1 हैं। इसके बाद आने वाली प्रत्येक संख्या पिछले दो संख्याओं का योग है।
फिबोनाची अनुक्रम का नाम पीसा के लियोनार्डो फिबोनाची के नाम पर रखा गया। फाइबोनैचि द्वारा लिखित 1202 की पुस्तक लिबर अबेकी ने पश्चिम यूरोपीय गणित में इस अनुक्रम को प्रवर्तित किया, हालांकि बहुत पहले ही भारतीय गणित में इस अनुक्रम का वर्णन हो चुका था। फाइबोनैचि अनुक्रम प्राचीन भारत में काफ़ी विख्यात था।
पीसा के लियोनार्डो ने अपने लिबर अबेकी (1202) में फाइबोनैचि के रूप में ज्ञात इस अनुक्रम का अध्ययन किया।
उन्होंने एक आदर्श (परन्तु अवास्तविक) खरगोश की आबादी के विकास पर यह मानते हुए विचार किया कि,
"शून्य" महीने में, खरगोशों की एक जोड़ी है (खरगोशों के अतिरिक्त जोड़े = 0).
पहले महीने में, पहली जोड़ी को दूसरी जोड़ी पैदा होती है (खरगोशों के अतिरिक्त जोड़े = 1)
दूसरे महीने में, खरगोशों के दोनों जोड़े, एक और जोड़े को जन्म देते हैं, और पहली जोड़ी मर जाती है (खरगोशों के अतिरिक्त जोड़े = 1)
तीसरे महीने में, दूसरी जोड़ी और नए दो जोड़ों को कुल तीन नए जोड़े पैदा होते हैं, और सबसे वृद्ध जोड़ी मर जाती है (खरगोशों के अतिरिक्त जोड़े = 2)
इसका नियम यह है कि खरगोशों की एक जोड़ी अपने जीवन-काल में 2 जोड़ी पैदा करती है, और मर जाती है।
मान लें कि n महीने में आबादी F (n ) है।
इस समय, केवल वे खरगोश, जो n - 2 महीने में जीवित रहे थे, प्रजननक्षम हैं और संतान पैदा करते हैं, तो F (n − 2) जोड़े मौजूदा आबादी F (n − 1) में जुड़ जाते हैं।
इस प्रकार कुल है F (n ) = F (n − 1) + F (n− 2)
प्रकृति में फाइबोनैचि सख्याएं बहुतायत में उदाहरण स्वरूप मिलती हैं इसलिए भी यह देव संख्याएँ रूप मे विख्यात हैं। संयोंग से या नियम से प्रकृति में फाइबोनैचि सख्याएं विलक्षण व अदभुद नज़ारे प्रस्तुत करती हैं।
फाइबोनैचि अनुक्रम जैविक दृश्यों में दिखाई देते हैं।
जैसे पेड़ों में शाखाएं, डंठल पर पत्तियों की व्यवस्था, अनानास की फलिकाएं, एक न मुड़ने वाले फर्न आर्टिचोक का फूल, तथा देवदार शंकु की व्यवस्था।
इसके अलावा, प्रकृति के कई लोकप्रिय स्रोतों में फाइबोनैचि संख्याओं या सुवर्ण खंडों के जैसे-तैसे प्रमाणित, यथा खरगोश के प्रजनन, सीपियों के सर्पिल घेरे, और लहरों के वक्र से संबंधित दावे मौजूद हैं।
फाइबोनैचि संख्याएं, मधुमक्खी के वंश-वृक्ष में भी पाई जाती हैं।
आशीष श्रीवास्तव जी फेसबुक मित्रों का बहुत बहुत धन्यवाद
सभी टिप्पणी कर्ताओं का जी धन्यवाद
प्रस्तुति: सी.वी.रमण विज्ञान क्लब यमुनानगर
3 टिप्पणियां:
fibonacci
खरगोश का संगीत राग रागेश्री
पर आधारित है जो कि खमाज थाट का सांध्यकालीन राग है,
स्वरों में कोमल निशाद और बाकी स्वर शुद्ध लगते हैं, पंचम इसमें वर्जित है, पर हमने
इसमें अंत में पंचम का प्रयोग भी
किया है, जिससे इसमें राग बागेश्री भी झलकता है.
..
हमारी फिल्म का संगीत वेद नायेर ने दिया है.
.. वेद जी को अपने संगीत कि प्रेरणा
जंगल में चिड़ियों कि चहचाहट से मिलती है.
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है, पर हमने इसमें अंत में पंचम
का प्रयोग भी किया है,
जिससे इसमें राग बागेश्री भी झलकता है.
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है... वेद जी को अपने
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