आज का प्रश्न-272question no-272
उत्तर : टॉपॉलॉजी, ग्राफ थ्योरी और नेटवर्क आज गणित की सबसे उन्नत शाखाएं हैं। एक आम नागरिक के जिज्ञासा से भरे प्रश्न से इन विधाओं का विकास हुआ। पर्शिया
के (अब कलिनिन्ग्राद, रूस) में कोनिग्सबर्ग में प्रोगल नदी पर बने सात पुलों से यह कहानी शुरू होती है।
वहां के निवासी सातों पुलों को एक ही बार में, किसी भी पुल पर दुबारा न
जाकर पार करने की कोशिश करते थे। आयलर ने सिद्ध किया कि सातों पुल सतत
चलते हुए, मार्ग को दोहराए बिना पार नहीं किया जा सकता है। यूलर ने
सभी संभव विकल्पों का अध्ययन किया और पाया ऐसा कर पाना संभव नहीं है या तो एक पुल कम कर दो या तो एक पुल
बढ़ा दो।
किनारों की संख्या +2 = शीर्षों की
संख्या + फलकों की संख्या
प्रश्न-272: आधुनिक टॉपॉलॉजी Topology का विकास कैसे हुआ?
उत्तर : टॉपॉलॉजी, ग्राफ थ्योरी और नेटवर्क आज गणित की सबसे उन्नत शाखाएं हैं। एक आम नागरिक के जिज्ञासा से भरे प्रश्न से इन विधाओं का विकास हुआ। पर्शिया
के (अब कलिनिन्ग्राद, रूस) में कोनिग्सबर्ग में प्रोगल नदी पर बने सात पुलों से यह कहानी शुरू होती है।
वहां के निवासी सातों पुलों को एक ही बार में, किसी भी पुल पर दुबारा न
जाकर पार करने की कोशिश करते थे। आयलर ने सिद्ध किया कि सातों पुल सतत
चलते हुए, मार्ग को दोहराए बिना पार नहीं किया जा सकता है। यूलर ने
सभी संभव विकल्पों का अध्ययन किया और पाया ऐसा कर पाना संभव नहीं है या तो एक पुल कम कर दो या तो एक पुल
बढ़ा दो।
उन्होंने इसके
सांस्थिक प्रारूप के माध्यम से इसे नेटवर्क की समस्या में परिवर्तित कर
इसका हल प्राप्त किया। आयलर का यह हल 1735 में प्रकाशित हुआ। उन्होंने यह
भी सिद्ध किया कि एक बहुफलक में,
किनारों की संख्या +2 = शीर्षों की
संख्या + फलकों की संख्या
E+2 = V+F
आयलर का यह कार्य टापॉलॉजी, ग्राफथ्योरी और नेटवर्क के विकास के लिए आधारभूत सिद्ध हुआ।
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प्रस्तुति: सी.वी.रमण विज्ञान क्लब यमुनानगर
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