शुक्रवार, 29 जुलाई 2011

आज का प्रश्न-३१ question no.31

आज का प्रश्न-३१  question no.31 



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Qus.no.31 : भारत मे ओसतन २०० महिलायें एक रोग से ग्रसित मरती है यह आंकडा स्तन कैंसर से होने वाली मौतों से भी ज्यादा है वो महिला रोग कौनसा है ?
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उपर बाईं तरफ हैडर के नीचे मनपसंद गीत संगीत भी कभी कभी पोस्ट किया जाता है सुने शायद आपको भी पसंद आये.
 दर्शन बवेजा
उत्तर : इस रोग का नाम है सरवाईकल कैंसर Cervical Cancer
 युवा महिलओं को भी सरवाईकल कैसर दिन प्रति दिन अपना शिकार बना रहा है। देश में करीब 90 हजार महिलाए हर वर्ष गर्भाशय मुख यानि सरवाईकल कैंसर की चपेट में आ रही है।  महिलाओं में सरवाईकल केंसर मौत का कारण हो सकता है सो महिलाये लाज शर्म छोडकर किसी भी समस्या के होने पर स्त्री रोग विशेषज्ञ से जांच करा लेवे। बच्चेदानी के मुँह(सर्विक्स)या गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर दुनिया भर में महिलाओं की असमय मृत्यु का दूसरा बड़ा कारण है। इसमें से 80 प्रतिशत मामले विकासशील देशों की महिलाओं से संबंधित होते हैं। इससे भी दुखद बात यह है कि ज्यादातर मामलों में बीमारी की पहचान अत्यधिक बढ़ जाने पर मर्ज के लाइलाज होने के बाद होती है। .जबकि सही समय पर इसकी पहचान,निदान व उपचार द्वारा न केवल इससे शत-प्रतिशत रोग मुक्त हुआ जा सकता है बल्कि इस जानलेवा कैंसर से बचाव भी संभव है। विकसित देशों में नियमित जाँच एवं निदान के स्क्रीनिंग कार्यक्रमों द्वारा गर्भाशय ग्रीवा कैंसर के मामलों में एवं इसके कारण होने वाली मृत्यु दर में अत्यधिक कमी लाना संभव हो पाया है। 

क्यों होता है यह कैंसर गर्भाशय ग्रीवा कैंसर के 99.7 प्रतिशत मामलों में इसके लिए एचपीवी विषाणु (ह्यूमन पैपीलोमा वायरस) को जिम्मेदार पाया गया है। अत: एचपीवी संक्रमण इस कैंसर के लिए सबसे बड़ा जोखिम घटक है। लेकिन शुक्र है कि इस वायरस संक्रमण की सफलतापूर्वक रोकथाम के लिए अब एचपीवी वैक्सीन उपलब्ध हो गई है। कैसे संभव है इसकी शीघ्र पहचान
 पैप स्मीयर : पैप स्मीयर जाँच द्वारा गर्भाशय के कैंसर को न केवल शुरुआती अवस्था में पकड़ा जा सकता है। अपितु इसका 100 प्रतिशत उपचार भी संभव है। पेप स्मीयर लेना एक अत्यंत सरल प्रक्रिया है जिसमें मात्र एक रुई के फोहे से योनि मार्ग से सेम्पल लेकर उसे प्रयोगशाला में कोशीय (साइटोलॉजी) जाँच हेतु भेज दिया जाता है।वैसे तो सभी महिलाओं में इस जाँच को नियमित अंतराल जैसे वर्ष में एक बार किया जाना चाहिए परंतु यह संभव न हो तो भी 35 से 64 वर्ष की आयु की महिलाओं को तो नियमित रूप से यह जाँच वर्ष में एक बार करा ही लेना चाहिए। इसी के साथ यदि कोई महिला मरीज अन्य किसी समस्या जैसे परिवार नियोजन, गर्भपात, प्रसूति आदि को लेकर भी डॉक्टर के पास आती है तो उसकी पेप स्मीयर जाँच भी साथ में कर लेना चाहिए। मात्र इसी साधारण जाँच से सर्विक्स के कैंसर का प्रभावी नियंत्रण संभव है.  महिलाओं में सरवाईकल कैंसर की बीमारी तेजी से फैल रही है। इसकी रोकथाम का एक ही तरीका है, वह यह कि 9 साल की उम्र में ही बालिकाओं को टीका लगवा दिया जाये। 
राज भाटिय़ा  जी का सही जवाब देने के लिए धन्यवाद.  
सभी टिप्पणी कर्ताओं का जी धन्यवाद
प्रस्तुति: सी.वी.रमण विज्ञान क्लब यमुनानगर हरियाणा     

2 टिप्‍पणियां:

राज भाटिय़ा ने कहा…

एडंस से तो नही?

राज भाटिय़ा ने कहा…

गर्भाशय के कैंसर?