Sunday, June 10, 2012

आज का प्रश्न-315 question no-315

आज का प्रश्न-315 question no-315
प्रश्न-315: आइन्स्टीन ने अपने जीवन के अंतिम वर्ष किस सिद्धांत पर कार्य करते हुए गुजारे?
उत्तर: आइन्स्टीन ने अपने जीवन के अंतिम वर्ष यूनिफाइड फील्ड थ्योरी (Unified Field Theory) पर कार्य करते हुए गुजारे, जो उसकी मृत्यु के बाद भी अधूरी रहीइस थ्योरी में प्रकृति के चार मूल बलों गुरुत्वाकर्षण, विद्युतचुम्बकीय, तीव्र तथा क्षीण नाभिकीय बलों का संयुक्तीकरण करना था. आज भी इस थ्योरी पर कार्य जारी है
वैज्ञानिकों का मत है कि चूंकि सृष्टि बिगबैंग से पैदा हुई, इसलिए ये चारों ताकतें कभी एक स्थान पर रही होंगी, या फिर ये चारों शक्तियां एक ही ताकत का अलग-अलग चेहरा हो सकती हैं। थ्योरी ऑफ एवरीथिंग कही जाने वाली द ग्रैंड यूनिफाइड थ्योरी में पहली तीन ताकतों को एक सूत्र में पिरोया जा चुका है, लेकिन ग्रैविटी इसमें कैसे फिट होगी, इसका कोई रास्ता उन्हें नहीं सूझ रहा है।
इसका एक रास्ता वैज्ञानिक गैरेट लिसी ने सुझाया है। उन्होंने 'ई8' नामक पहेली को हल करने का दावा किया। '8' एक ज्यामितीय ढांचे की गुत्थी है जिसके बारे में कहा जाता है कि इसे सुलझाने से इस बात का जवाब मिल सकता है कि सृष्टि का निर्माण कैसे हुआ? असल में 'ई8' के ढांचे में फिट करते वक्त वे कण और फोर्स फील्ड कम पड़ जाते हैं, जिन्हें अभी तक जाना जा सका है। लिसी ने जो हिसाब लगाया, उसके अनुसार इस पहेली को हल करने वाले ऐसे कणों की मौजूदगी संभव है। उन्होंने मैथ्स के जरिए उन कणों की पहचान भी बता दी है, लेकिन साइंस के औजारों से उनकी तलाश होनी बाकी है। जिस दिन वे कण खोज लिए जाएंगे, शायद उस दिन साइंस ईश्वर को पूरी तरह खारिज कर दे।
वैसे  पृथ्वी पर रचित जीवन किसी परग्रही के वीडियो गेम की तरह प्रोग्राम हो सकता है अर्थात हमारा कोई भौतिक अस्तित्व नहीं है यह अभी अनसुलझी पहेली है 

Unmukt Hindi जी व फेसबुक मित्रों का बहुत बहुत धन्यवाद
सभी टिप्पणी कर्ताओं का जी धन्यवाद
प्रस्तुति: सी.वी.रमण विज्ञान क्लब यमुनानगर


3 comments:

Asha Lata Saxena said...

गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत
आशा

dineshpaldiya said...

kya hum such mai nahi hai?

dineshpaldiya said...

kya hum such mai nahi hai?