यथा शिखा मयूराणां, नागानां मणयो यथा । तद् वेदांगशास्त्राणां, गणितं मूर्ध्नि वर्तते॥ —वेदांग ज्योतिष(जैसे मोरों में शिखा और नागों में मणि का स्थान सबसे उपर है, वैसे ही सभी वेदांग और शास्त्रों मे गणित का स्थान सबसे उपर है।)
अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने हमारे सौर मंडल से बाहर ऐसा पहला ग्रह मिलने की घोषणा की है जहाँ जल द्रव या तरल रूप में हो सकता है.
इस ग्रह को केप्लर 22बी नाम दिया गया है. ये आकार में पृथ्वी से लगभग ढाई गुना बड़ा है और वहाँ का तापमान 22 डिग्री सेल्सियस तक हो सकता है.
इससे जुड़ी ख़बरें नासा का क्यूरियोसिटी मंगल ग्रह की ओर रवाना क्या दूसरे ग्रहों में पनप सकता है जीवन? मंगल के चाँद से नमूने लाएगा रूसी यान
ये अब तक पृथ्वी से सबसे ज़्यादा मिलता-जुलता ग्रह है.
मगर अभी तक ये नहीं पता चल सकता है कि केप्लर-22बी ठोस, द्रव या गैस में से किससे बना है.
ये जानकारी एक सम्मेलन के दौरान दी गई और वहाँ पर केप्लर की टीम ने बताया कि उन्हें ग्रह का दर्जा पाने वाले 1094 नए प्रत्याशी मिले हैं.
प्रणाली
केप्लर अंतरिक्ष टेलिस्कोप इतना संवेदनशील है कि जब भी कोई ग्रह अपने तारे के सामने से होकर गुज़रता है जिससे उस तारे की रोशनी में बेहद मामूली अंतर पड़ता है तो टेलिस्कोप उसे भी दर्ज कर लेता है.
केप्लर तारे की उस रोशनी के परिवर्तन की एक प्रत्याशी ग्रह के तौर पर पहचान करता है जिस पर फिर केप्लर की टीम नज़र रखती है.
केप्लर 22बी उन 54 प्रत्याशियों में से था जिनकी ख़बर केप्लर टीम ने फ़रवरी में दी थी तथा अन्य टेलिस्कोपों के ज़रिए भी सबसे पहले इसी की पुष्टि हुई.
पृथ्वी अपने सूरज से जितनी दूर है उसके मुक़ाबले केप्लर 22बी अपने सूरज से लगभग 15 फ़ीसदी नज़दीक़ है. इस तरह वहाँ एक साल 290 दिनों का होता है.
मगर उस सूरज में 25 प्रतिशत कम रोशनी है. इस वजह से उस केप्लर 22बी का तापमान भी बहुत ज़्यादा नहीं है और उम्मीद की जा रही है कि वहाँ पानी द्रव रूप में हो सकता है.
4 टिप्पणियां:
Bytes , kilobytes & giga bytes-
1024 bytes = 1 Kilo bytes
1024 Kilo bytes = 1 Mega bytes
1024 Mega bytes = 1 Giga bytes
1024 Giga bytes = 1 Tera byte
अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने हमारे सौर मंडल से बाहर ऐसा पहला ग्रह मिलने की घोषणा की है जहाँ जल द्रव या तरल रूप में हो सकता है.
इस ग्रह को केप्लर 22बी नाम दिया गया है. ये आकार में पृथ्वी से लगभग ढाई गुना बड़ा है और वहाँ का तापमान 22 डिग्री सेल्सियस तक हो सकता है.
इससे जुड़ी ख़बरें
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ये अब तक पृथ्वी से सबसे ज़्यादा मिलता-जुलता ग्रह है.
मगर अभी तक ये नहीं पता चल सकता है कि केप्लर-22बी ठोस, द्रव या गैस में से किससे बना है.
ये जानकारी एक सम्मेलन के दौरान दी गई और वहाँ पर केप्लर की टीम ने बताया कि उन्हें ग्रह का दर्जा पाने वाले 1094 नए प्रत्याशी मिले हैं.
प्रणाली
केप्लर अंतरिक्ष टेलिस्कोप इतना संवेदनशील है कि जब भी कोई ग्रह अपने तारे के सामने से होकर गुज़रता है जिससे उस तारे की रोशनी में बेहद मामूली अंतर पड़ता है तो टेलिस्कोप उसे भी दर्ज कर लेता है.
केप्लर तारे की उस रोशनी के परिवर्तन की एक प्रत्याशी ग्रह के तौर पर पहचान करता है जिस पर फिर केप्लर की टीम नज़र रखती है.
केप्लर 22बी उन 54 प्रत्याशियों में से था जिनकी ख़बर केप्लर टीम ने फ़रवरी में दी थी तथा अन्य टेलिस्कोपों के ज़रिए भी सबसे पहले इसी की पुष्टि हुई.
पृथ्वी अपने सूरज से जितनी दूर है उसके मुक़ाबले केप्लर 22बी अपने सूरज से लगभग 15 फ़ीसदी नज़दीक़ है. इस तरह वहाँ एक साल 290 दिनों का होता है.
मगर उस सूरज में 25 प्रतिशत कम रोशनी है. इस वजह से उस केप्लर 22बी का तापमान भी बहुत ज़्यादा नहीं है और उम्मीद की जा रही है कि वहाँ पानी द्रव रूप में हो सकता है.
मंगल ग्रह के प्रयोगात्मक मिशन के तहत पिछले डेढ़ साल से एक स्टील के ट्यूब में बंद छह लोग ट्यूब से बाहर आ गए हैं.
मॉस्को के संस्थान के सहयोग और यूरोपीयन स्पेस एजेंसी के प्रायोजन से 'मार्स 500' परियोजना के लिए यह छह लोग तीन जून 2010 से स्टील ट्यूब में बंद थे.
इस प्रोजेक्ट का मकसद यह पता लगाना है कि मंगल ग्रह के लिए लंबी अंतरिक्ष उड़ान के दौरान इंसान के शरीर और दिमाग़ पर क्या असर पड़ता है.
छह लोगों के इस प्रयोग दल में तीन रूसी, दो यूरोपीय और एक चीनी नागरिक शामिल हैं.
पायथोगोरस
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