आज का प्रश्न-८३ question no.83
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Qus.no 83 : यह वर्ष यानी 2011 किस महान भारतीय वैज्ञानिक का जन्म का 150 वाँ वर्ष है भारत की पहली फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री स्थापित करने का श्रेय इन्ही को जाता है जो आज भी स्थापित है
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उत्तर: यह वर्ष महान रसायनविद डॉ. प्रफुल्ल चंद राय के जन्म का 150वां वर्ष है. प्रफुल्ल सबसे अधिक महान वैज्ञानिक बेंजामिन फ्रैंकलिन के जीवन से प्रभावित हुए. उनके जीवन चरित्र को पढ़कर ही राय ने वैज्ञानिक बनने का निश्चय किया.
सन 1882 में वे इंग्लैंड पहुंचे और एडिनबरा विश्वविद्यालय में प्रवेश प्राप्त किया. यहां उनका जाने माने रसायनविदों के साथ सम्पर्क हुआ और जिसके कारण उनका रसायन प्रेम और मजबूत हुआ. सन् 1884 में उन्होंने एडिनबरा विश्वविद्यालय की स्नातक की एक निबंध प्रतियोगिता में भाग लिया, जिसका विषय था- ‘गदर के पहले और बाद का भारत’. प्रफुल्ल ने अपने लेख को लंदन टाइम्स सहित सभी बड़े समाचारपत्रों में भेजा. जिसे पढ़ने के बाद इंग्लैंड वासियों को पता चला कि अंग्रेजों ने भारत को किस प्रकार से लूटा है.
सन् 1896 में उन्होंने मरक्यूरस नाइट्रेट तैयार कर पूरी दुनिया को आश्चर्यचकित कर दिया. वह औषधि व कल कारखानों की स्थापना एवं विकास की गतिविधियों के लिए लगातार प्रयत्नशील रहे.
उन्होंने मात्र आठ सौ की पूंजी लगाकर, अपना कार्य प्रारंभ कर दिया. उन्होंने अपनी प्रयोगशाला में दिमागी ताकत बढ़ाने वाले रासायनिक तत्व ‘फास्फेट ऑफ कैल्सियम’ का निर्माण किया. उन्होंने घर पर जो कारखाना लगाया वही आगे चलकर 1900 के लगभग एक विशाल कारखाना बन गया जो कि बंगाल कैमिकल्स एंड फार्मेस्युटिकल वर्क्स के नाम से आज भी प्रसिद्ध है.
अनेक वर्षों के बाद उनकी प्रसिद्ध पुस्तक ‘हिंदू रसायन शास्त्र का इतिहास’ प्रकाशित हुई जिसकी प्रशंसा विश्व के सभी वैज्ञानिकों द्वारा की गई. पुस्तक का दूसरा खंड 1908 में प्रकाशित हुआ। यह ग्रंथ हिंदुओं की उपलब्धियों पर प्रकाश डालता है.आप महान वैज्ञानिक और शिक्षाशास्त्री थे. वे आधुनिक भारत के शिल्पकारों में मूर्धन्य थे। उन्हें सामंतवादी पृथकतावाद से घृणा थी. महान वैज्ञानिक डॉ. राय का निधन संक्षिप्त बीमारी के बाद 14 जून 1944 को हो गया. उनके निधन से विज्ञान जगत में शोक की लहर दौड़ गई.
नोट : सारी पोस्ट देखने के लिए यहाँ क्लिक करें या उपर मुखपृष्ठ पर क्लिक करें .
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Qus.no 83 : यह वर्ष यानी 2011 किस महान भारतीय वैज्ञानिक का जन्म का 150 वाँ वर्ष है भारत की पहली फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री स्थापित करने का श्रेय इन्ही को जाता है जो आज भी स्थापित है
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उत्तर: यह वर्ष महान रसायनविद डॉ. प्रफुल्ल चंद राय के जन्म का 150वां वर्ष है. प्रफुल्ल सबसे अधिक महान वैज्ञानिक बेंजामिन फ्रैंकलिन के जीवन से प्रभावित हुए. उनके जीवन चरित्र को पढ़कर ही राय ने वैज्ञानिक बनने का निश्चय किया.
सन 1882 में वे इंग्लैंड पहुंचे और एडिनबरा विश्वविद्यालय में प्रवेश प्राप्त किया. यहां उनका जाने माने रसायनविदों के साथ सम्पर्क हुआ और जिसके कारण उनका रसायन प्रेम और मजबूत हुआ. सन् 1884 में उन्होंने एडिनबरा विश्वविद्यालय की स्नातक की एक निबंध प्रतियोगिता में भाग लिया, जिसका विषय था- ‘गदर के पहले और बाद का भारत’. प्रफुल्ल ने अपने लेख को लंदन टाइम्स सहित सभी बड़े समाचारपत्रों में भेजा. जिसे पढ़ने के बाद इंग्लैंड वासियों को पता चला कि अंग्रेजों ने भारत को किस प्रकार से लूटा है.
सन् 1896 में उन्होंने मरक्यूरस नाइट्रेट तैयार कर पूरी दुनिया को आश्चर्यचकित कर दिया. वह औषधि व कल कारखानों की स्थापना एवं विकास की गतिविधियों के लिए लगातार प्रयत्नशील रहे.
उन्होंने मात्र आठ सौ की पूंजी लगाकर, अपना कार्य प्रारंभ कर दिया. उन्होंने अपनी प्रयोगशाला में दिमागी ताकत बढ़ाने वाले रासायनिक तत्व ‘फास्फेट ऑफ कैल्सियम’ का निर्माण किया. उन्होंने घर पर जो कारखाना लगाया वही आगे चलकर 1900 के लगभग एक विशाल कारखाना बन गया जो कि बंगाल कैमिकल्स एंड फार्मेस्युटिकल वर्क्स के नाम से आज भी प्रसिद्ध है.
अनेक वर्षों के बाद उनकी प्रसिद्ध पुस्तक ‘हिंदू रसायन शास्त्र का इतिहास’ प्रकाशित हुई जिसकी प्रशंसा विश्व के सभी वैज्ञानिकों द्वारा की गई. पुस्तक का दूसरा खंड 1908 में प्रकाशित हुआ। यह ग्रंथ हिंदुओं की उपलब्धियों पर प्रकाश डालता है.आप महान वैज्ञानिक और शिक्षाशास्त्री थे. वे आधुनिक भारत के शिल्पकारों में मूर्धन्य थे। उन्हें सामंतवादी पृथकतावाद से घृणा थी. महान वैज्ञानिक डॉ. राय का निधन संक्षिप्त बीमारी के बाद 14 जून 1944 को हो गया. उनके निधन से विज्ञान जगत में शोक की लहर दौड़ गई.
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आशीष श्रीवास्तव जी और आशा जी का बहुत धन्यवाद
फेसबुक साथियों का धन्यवाद
सभी टिप्पणी कर्ताओं का जी धन्यवाद
प्रस्तुति: सी.वी.रमण विज्ञान क्लब यमुनानगर हरियाणा सभी टिप्पणी कर्ताओं का जी धन्यवाद
3 टिप्पणियां:
प्रफुल्ल चन्द्र राय
बंगाल केमीकल्स एन्ड फार्मासीटीकल्स के संस्थापक
(पहले मुझे जगदीश चंद्र बोस का नाम लगा लेकिन उनकी जन्म तिथी १८५९ की थी)
अरे आपने तो पहले ही उत्तर बता दिया |आप बिलकुल सही हैं ऐसा लगता है |
आशा
nice sir, I GOT SOME EXTRA KNOWLEDGE.
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