रविवार, 4 मार्च 2012

आज का प्रश्न-224question no-224

आज का प्रश्न-224question no-224
प्रश्न-224: व्यावहारिक गणित, अनुप्रयुक्त गणित या प्रायोगिक गणित  (Applied mathematics) क्या है ?
उत्तर : व्यावहारिक गणितअनुप्रयुक्त गणित या प्रायोगिक गणित  गणित की वह शाखा है जो विज्ञान की अन्यशाखाओं की समस्याओं को गणित के प्रयोग से हल करने से सम्बन्ध रखती है। ऐतिहासिक दृष्टि से देखें तो भौतिक विज्ञानों (physical sciences) की आवश्यकताओं की पूर्ति में  व्यावहारिक गणितअनुप्रयुक्त गणित या प्रायोगिक गणित के इस्तेमाल ने महती भूमिका निभायी।
या कहें तो, विज्ञानअर्थशास्त्र और अन्य कई क्षेत्रों में प्रयोग किया जाने वाला गणित प्रायोगिक गणित है और इसमें अध्ययन की जाने वाली गणितीय समस्याओं का स्रोत किसी और क्षेत्र में होता है। इसके अन्तर्गत यंत्रशास्त्र, भूमापन, भूपदार्थ विज्ञान, ज्योतिष आदि विषय है। 
उदाहरण के लिये तरल यांत्रिकी में गणित का उपयोग करने से एक हल्का एवं कम ऊर्जा से की खपत करने वाला वायुयान डिजाइन किया गया ।
गणित की मुख्य दो शाखाओं में एक शुद्ध गणित भी आता है जिसके बारे में माना जाता है कि गत शताब्दियों में इसका विकास इसके अनुप्रयोग की सोच से हट कर किया गया था  विश्लेषणात्मक जटिलता (गहराई) और अमूर्तीकरण (abstraction) की सुन्दरता इसकी प्रमुख विशेषता है। शुद्ध गणित स्वयं गणित में उपजी उन समस्याओं का हल ढूंढता है जिनका अन्य क्षेत्रों से सीधा सम्बन्ध नहीं है। कई बार समय के साथ-साथ शुद्ध गणित के अनुप्रयोग मिलते जाते हैं और इस प्रकार उसका कुछ हिस्सा प्रायोगिक गणित में आता जाता है। शुद्ध गणित के अंतर्गत, बीजगणित, ज्यामिति और संख्या सिद्धांत आते हैं। फ़ेरमा का सुप्रसिद्ध प्रमेय, संख्या सिद्धान्त का ही एक अंग है। शुद्ध गणित का विकास बीसवीं शताब्दी में बहुत अधिक हुआ और इसके विकास में १९०० में डेविड हिल्बर्ट के द्वारा पेरिस में दिये गये व्याख्यान का बहुत योगदान रहा।
गणित को अन्य विज्ञानों की रानी मना जाता है इसलिए इसके प्रयोग के बिना किसी अन्य विज्ञान की शाखा में काम करना आसान नहीं है। 
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प्रस्तुति: सी.वी.रमण विज्ञान क्लब यमुनानगर हरियाणा      

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